भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में मार्च 2023 तक 20 हजार श्रद्धालु तीर्थ-यात्रा कर दर्शन कर सकेंगे। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने गुरुवार को बताया कि 21 जनवरी से 29 मार्च के बीच 20 ट्रेन से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के पात्र श्रद्धालु विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करेंगे।
उन्होंने बताया कि योजना में पहली ट्रेन डॉ. अम्बेडकर नगर महू से 21 जनवरी को रामेश्वरम धाम के लिये रवाना होगी। इसमें इंदौर जिले के 398, बड़वानी के 250 और शाजापुर के 325 श्रद्धालु यात्रा करेंगे। यह ट्रेन 26 जनवरी को लौटेगी। दूसरी ट्रेन रीवा से द्वारका के लिये 24 जनवरी को रवाना होकर 29 जनवरी वापस आएगी। इसमें रीवा के 273, पन्ना के 200 और सतना एवं नरसिंहपुर के 250-250 श्रद्धालु यात्रा करेंगे। तीसरी ट्रेन बुरहानपुर से रामेश्वरम के लिये 27 जनवरी को रवाना होकर 1 फरवरी को लौटेगी। इसमें बुरहानपुर के 348, हरदा के 300 और बैतूल के 325 श्रद्धालु यात्रा करेंगे। चौथी ट्रेन अनुपपुर से कामाख्या जी के लिये 30 जनवरी को रवाना होगी और 4 फरवरी को वापस आएगी। इसमें उमरिया से 300, अनुपपुर से 323 और शहडोल के 350 श्रद्धालु यात्रा करेंगे। पाँचवी ट्रेन छतरपुर से शिर्डी के लिये 2 फरवरी को रवाना होगी और 5 फरवरी को लौटेगी। इसमें विदिशा के 300, टीकमगढ़ के 325 और छतरपुर के 348 श्रद्धालु दर्शन के लिये जाएंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में 6 फरवरी को छटवीं ट्रेन एक बार फिर डॉ. अम्बेडकर नगर से जगन्नाथ पुरी लिये रवाना होगी और 11 फरवरी को लौटेगी। इसमें धार के 200, सीहोर के 375 और इंदौर के 398 श्रद्धालु यात्रा करेंगे। सातवीं ट्रेन 8 फरवरी को रेलवे स्टेशन सरईग्राम से जगन्नाथ पुरी के लिये कटनी के 225, सिंगरौली के 248, सीधी और दमोह के 250-250 और श्रद्धालु को लेकर रवाना होगी और 13 फरवरी को लौटेगी। आठवीं ट्रेन बैतूल से अयोध्या के लिये 11 फरवरी को रवाना होगी और 14 फरवरी को लौटेगी। इसमें बैतूल के 298, नर्मदापुरम के 325 और भोपाल 350 यात्री दर्शन के लिये जायेंगे। नौवीं ट्रेन बालाघाट से काशी (वाराणसी) के लिये 14 फरवरी को रवाना होगी। इसमें मण्डला के 200, बालाघाट के 223, सिवनी के 250 और जबलपुर के 300 यात्री दर्शन कर 17 फरवरी को लौटेंगे। दसवीं ट्रेन 16 फरवरी को भिण्ड से जगन्नाथपुरी के लिये जाएगी। इसमें भिण्ड के 298, दतिया के 325 और ग्वालियर के 350 श्रद्धालु दर्शन कर 21 फरवरी को लौटेंगे। ग्यारहवीं ट्रेन 19 फरवरी को डॉ. अम्बेडकर नगर महू से 19 फरवरी को काशी (वाराणसी) के लिये रवाना होगी। इसमें बड़वानी के 200, सीहोर के 375 और इंदौर के 398 श्रद्धालु यात्रा कर 22 फरवरी को लौटेंगे। बारहवीं ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन भोपाल से 23 फरवरी को राजगढ़ से 223, आगर-मालवा के 200, शाजापुर के 250 और भोपाल के 300 श्रद्धालुओं को जगन्नाथपुरी के दर्शन करा कर 28 फरवरी को लौटेगी। तेरहवीं ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन भोपाल के रामेश्वरम् के लिये 25 फरवरी को रवाना होगी। इसमें मुरैना के 298, दतिया के 325 और भोपाल के 350 श्रद्धालु 2 मार्च को यात्रा कर वापस लौटेंगे। चौदहवीं ट्रेन खंडवा से 28 फरवरी को अयोध्या के लिये रवाना होगी। इसमें खंडवा के 298, खरगौन के 200, हरदा के 225, सीहोर के 250 श्रद्धालु 3 मार्च को यात्रा करके वापस लौटेंगे। पंद्रहवीं ट्रेन सरईग्राम से द्वारका के लिये 13 मार्च को रवाना होगी। सिंगरौली के 248, सीधी के 250, कटनी के 225 और जबलपुर के 250 श्रद्धालु यात्रा कर 18 मार्च को लौटेंगे।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में 16 मार्च को सोलहवीं ट्रेन खंडवा से कामाख्या के लिये रवाना होगी। इसमें खण्डवा के 323, रायसेन के 300 और भोपाल के 350 श्रद्धालु दर्शन कर 21 मार्च को लौटेंगे। सत्रहवीं ट्रेन शिवपुरी से 21 मार्च को काशी (वाराणसी) के लिये रवाना होगी। इसमें शिवपुरी के 348, गुना के 325 और अशोकनगर 300 श्रद्धालु दर्शन कर 24 मार्च को लौटेंगे। अठारहवीं ट्रेन छतरपुर से द्वारका जी के लिये 24 मार्च को रवाना होगी। इमें छतरपुर के 323, टीकमगढ़ के 300 और विदिशा के 350 श्रद्धालु दर्शन कर 29 मार्च को लौटेंगे। उन्नसवीं ट्रेन नीमच से 25 मार्च को रामेश्वरम् के लिये रवाना होगी। इसमें नीमच के 348, रतलाम के 375 और झाबुआ के 250 श्रद्धालु दर्शन कर 30 मार्च को लौटेंगे। बीसवीं ट्रेन 29 मार्च को जगन्नाथपुरी के लिये रवाना होगी। इसमें शिवपुरी के 248, गुना के 225, शाजापुर और आगर-मालवा के 250-250 श्रद्धालु दर्शन कर 3 अप्रैल 2023 को लौटेंगे।