नई दिल्ली: नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी 3.0 मिलियन मीट्रिक टन की निर्धारित क्षमता की तुलना में 3.093 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) का अपना अब तक का सबसे अधिक क्रूड थ्रूपुट (प्रवाह क्षमता) दर्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसके अलावा, कंपनी ने 87.6 प्रतिशत डिस्टिलेट (आसुत) उत्पादन भी हासिल किया है जो इस कपंनी का अपनी स्थापना से लेकर अब तक का सबसे अधिक उत्पादन है। एनआरएल ने 6,615 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के साथ यह उपलब्धि अर्जित की है, जो अब तक का सबसे अधिक व्यय है। इसने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने 3,605 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के पूर्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अभी हाल में ट्वीट्स में यह स्वीकार किया है कि पूर्वोत्तर भारत में स्थापित इस सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम ने अनुकरणीय कार्य प्रदर्शन किया है।
एनआरएल ने फीनलैंड के सहयोगियों से एक संयुक्त उद्यम कंपनी के माध्यम से नुमालीगढ़ में फीडस्टॉक के रूप में बांस बायोगैस के साथ अपनी तरह की पहली बायो रिफाइनरी भी स्थापित कर रही है। इस बायो रिफाइनरी की 2023 के अंत तक चालू होने की उम्मीद है, जो 49,000 टन इथेनॉल और अन्य रसायनों का उत्पादन करेगी और वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण अर्जित करने के राष्ट्र के लक्ष्य में योगदान देगी।



