नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने संसदीय सत्र के हंगामे के बाद संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को खारिज कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने अडानी समूह का समर्थन करते हुए हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए हैं।
पवार ने शुक्रवार को एक निजी समाचार चैनल को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि इस तरह के बयान पहले भी अन्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए थे और कुछ दिनों तक संसद में हंगामा हुआ था लेकिन इस बार इस मुद्दे को अधिक महत्व दिया गया था। जो मुद्दे रखे गए थे, उन्हें किसने रखा था, ये हमने कभी नहीं सुना था। जिन लोगों ने बयान दिया, उनकी पृष्ठभूमि क्या है।
पवार ने कहा कि कांग्रेस की मांग से वह पूर्णरूप से सहमत नहीं है। हिंडवबर्ग रिपोर्ट पर वह कांग्रेस से अलग दृष्टिकोण रखते हैं। पवार ने स्पष्ट कहा कि वह बड़े व्यापारिक घरानों को निशाना बनाने की राहुल गांधी की अडानी-अंबानी शैली से सहमत नहीं हैं। पवार ने कहा कि आम लोगों के मुद्दों को नियमित रूप से नजरअंदाज करना सही नहीं है। जब ऐसा होता है, तो हम गलत रास्ते पर चल रहे होते हैं। यही हमें समझने की जरूरत है।