पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से आए 40 फरियादियों की समस्याएं सुनीं और और संबंधित विभागों के अधिकारियों को उनके समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिये।
जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में किशनगंज जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि 20 हजार की आबादी का गांव बाढ़ से प्रभावित हो रहा है, उसके लिए उचित उपाय किए जाएं। इस पर मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये।
अरवल जिले से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि 8 फीट चौड़ी सड़क होने के बाद भी हर घर तक पक्की गली-नाली का निर्माण योजना के तहत हमारे यहां नाली का निर्माण नहीं हो रहा है।
कटिहार जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि विधायक फंड से वर्ष 2019-20 में पथ निर्माण कराने का टेंडर किया गया था, लेकिन अब तक किए गए कार्य की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। मुजफ्फरपुर जिले से आयी एक महिला ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभ दिए जाने के बाद भी उन्हें अपना घर नसीब नहीं हुआ है, इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सुपौल जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि उनके पिताजी बियाडा में कार्यरत थे, उनकी नौकरी के दरम्यान मौत हो गई थी, लेकिन उसके बाद भी आश्रित को नौकरी नहीं मिली है। पश्चिम चंपारण जिले से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री से जनवरी 2021 में वन विभाग के जब्त किए गए उसके ट्रैक्टर को वापस दिलाने की गुहार लगाई है।
भोजपुर जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि जनवितरण प्रणाली दुकान में दो लोगों का चयन किया गया लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि की उदासीनता की वजह से शिक्षित बेरोजगार होने के बाद भी उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सीवान जिले से आए युवक ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुये कहा कि उसकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। बक्सर जिले के डुमरांव से आए एक युवक ने गुहार लगाते हुए कहा कि नगर परिषद के द्वारा कई कार्यों को नहीं किया गया है। डस्टबीन की खरीदारी में भी अनियमितता बरती गई है। बेगूसराय जिला से आयी एक महिला ने उसके घर के ऊपर से बिजली का तार हटवाने की गुहार लगाई। सीतामढ़ी जिला से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उनके लंबित वेतन का अब तक भुगतान नहीं किया गया है।
जनता के दरबार में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग सहित तमाम संबंधित विभागों के अधिकारी माैजूद थे।