उज्जैन। उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां जोर-शोर पर चल रही हैं। इन दिनों महाकाल मंदिर परिसर में स्थित मंदिरों एवं शिखरों की रंगाई पुताई से महाकाल मंदिर चमकने लगा है। राजाधिराज भगवान महाकाल के मंदिर में रंगाई-पुताई का कार्य निरन्तर जारी है। मन्दिर का शिखर आदि की रंगाई-पुताई का काम अंतिम चरण है और इससे महाकाल मंदिर अब सुन्दर लगने लगा है।
अपर कलेक्टर एवं महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक एसएस रावत लगातार मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व के संबंध में विविध प्रकार की तैयारियों का जायजा लेकर स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं, साथ ही मंदिरों के शिखरों की एकरूपता बनाये रखने के लिए विशेष ध्यान दे रहे हैं। मंदिर आने वाले भक्तों के मंदिर की सुंदरता देखकर प्रशासन की सराहना की जा रही है। रंगाई-पुताई का कार्य उज्जैन विकास प्राधिकरण के उपयंत्री शैलेन्द्र जैन व मंदिर प्रबंध समिति के इंजीनियर अनमोल गुप्ता के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
मंदिर समिति के प्रशासक एसएस रावत ने गुरुवार को मीडिया को इस संबंध में बताया कि भगवान महाकाल का मंदिर इन दिनों रंगाई-पुताई कर चमकाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महाशिरात्रि पर्व 21 फरवरी को मनाया जायेगा। इसके नौ दिन पूर्व 13 फरवरी से महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। शिवरात्रि महापर्व पर दूर दराज से लाखों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन के लिये उज्जैन आयेंगे। फाल्गुन कृष्ण पंचमी गुरुवार, 13 फरवरी से शिव नवरात्रि उत्सव शुरू होगा और महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी शुक्रवार, 21 फरवरी को मनाया जायेगा। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी शनिवार 22 फरवरी को महाशिवरात्रि के दूसरे दिन सेहरा दर्शन, पारणा दिवस मनाया जायेगा तथा वर्ष में एक बार दोपहर में भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी।
उन्होंने बताया कि महाकालेश्वर मन्दिर में महाशिवरात्रि पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर लाखों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन के लिये मन्दिर में आते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशान न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसी को देखकर सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर लगातार 44 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे। महापर्व पर भगवान मंदिर के पट 20 फरवरी को रात 2.30 बजे खुल जाएंगे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्मारती होगी और फिर आम लोगों के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा। दर्शन का सिलसिला 22 फरवरी की रात 11 बजे तक चलेगा। रात 11 बजे शयन आरती होगी और उसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिये जाएंगे। इस बार भी 13 फरवरी से शिवनवरात्रि शुरू होगी जो 21 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगी। इस दौरान भगवान महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देंगे। नौ दिन तक भगवान का अलग-अलग विशेष श्रृंगार किया जाएगा। शिव नवरात्रि में प्रतिदिन विशेष पूजन और हवन-अनुष्ठान भी होंगे।