Lucknow: पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने Uniform Civil Code (CAA) का समर्थन किया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister Mayawati) ने कहा कि विशाल आबादी वाले भारत देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। जिनके जीवन जीने की शैली के अलग अलग तौर तरीके एवं रस्म रिवाज हैं । वहीं दूसरी तरफ यह बात भी सोचने वाली है कि यहां प्रत्येक धर्म को मानने वाले लोगों पर हर मामले में एक समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं, बल्कि मजबूत ही होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि इससे आपसी भाईचारा, सौहार्द माहौल पैदा होगा। भारतीय संविधान की धारा 44 में यूनिफार्म सिविल कोड (uniform civil code) अर्थात यूसीसी को बनाने का प्रयास वर्णित है। इसे जबरन थोपने का प्रावधान बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के बनाये संविधान में निहित नहीं है। इसके लिए जागरुकता और आम सहमति को श्रेष्ठ माना गया है, जिस पर अमल नहीं करके संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति करना देशहित में सही नहीं है।
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उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 44 में समान सिविल संहिता बनाने का प्रयास तो वर्णित है लेकिन इसे थोपने का नहीं है। इस सभी को ध्यान में रखकर भाजपा को यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करते हुए ध्यान देना चाहिए। हमारी पार्टी यूनिफार्म सिविल कोड से असहमत नहीं है बल्कि इसे लागू करने के भाजपा के तौर तरीके से सहमत नहीं है।
वहीं, सोनेलाल पटेल की जयंती के अवसर पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित जन स्वाभिमान दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (Union Minister Ramdas Athawale) ने कहा कि समान नागरिक संहिता(यूसीसी) का सभी को समर्थन और स्वागत करना चाहिए। यूजीसी का लंबे समय से देश को इंतजार था। यह किसी एक दल, बिरादरी और धर्म के लिए नहीं है। यह देश के प्रत्येक नागरिक के लिए लाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM NARENDRA MODI) के भोपाल में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आए बयान के बाद देश भर में विपक्षी विरोध जता रहे हैं। अपना दल एस के कार्यक्रम में जब रविवार को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने कहा कि सभी को इसका समर्थन करना चाहिए।