New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने का केंद्र का फैसला गैर-कानूनी है। कोर्ट के इस आदेश के बावजूद मिश्रा 31 जुलाई तक पद पर बने रहेंगे। तब तक सरकार को नए चीफ की नियुक्ति करनी होगी। पहले संजय मिश्रा को 18 नवम्बर को रिटायर होना था। केंद्र ने अध्यादेश के जरिये उनका कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि कोर्ट पहले ही कह चुका था कि दूसरी बार के बाद संजय मिश्रा का कार्यकाल न बढ़ाया जाये। इस मामले में सरकार का तर्क है कि संजय मिश्रा की जगह लेने के लिए अभी कोई दूसरा अफसर तलाश नहीं किया जा सका है। वे अभी मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में नई नियुक्ति के लिए हमें थोड़ा और समय चाहिए।
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केंद्र के फैसले के खिलाफ कॉमन कॉज एनजीओ (NGO) की याचिका पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने 8 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने 2021 में कार्यकाल बढ़ाने वाले कानून में हुए बदलाव को वैध बताया है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी जांच एजेंसी के डायरेक्टर के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सरकार को इसकी ठोस वजह लिखित में बतानी होगी। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संजय मिश्रा किसी राज्य के डीजीपी नहीं हैं, बल्कि वो एक ऐसे अधिकारी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र में भी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जांच की निगरानी कर रहे हैं। डायरेक्टर पद पर उनका बना रहना देश हित में जरूरी है। साथ ही एफएटीएफ की समीक्षा हो रही है, ऐसे में कुछ दिशा-निदेर्शों का पालन करना जरूरी है।