नई दिल्ली : 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एक मंच पर आने की कोशिश कर रहे विपक्षी एकता की बैठक एक बार फिर 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु (Bangalore) में होनी है। बैठक में लगभग 25 दलों के नेताओं को शामिल होने की संभावना है। 17 जुलाई को मीटिंग के पहले दिन सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने आम आदमी पार्टी (आप) समेत सभी दलों के नेताओं को डिनर पर बुलाया है। वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 23 जून को पटना में पहली बैठक बुलाई थी। पटना में हुई बैठक में 17 दलों के नेता शामिल हुए थे।
इस बार विपक्षी कुनबे को और मजबूत करने के लिए आठ और दलों को न्योता भेजा गया है। इनमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), आॅल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) ने हामी भरी है।
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इन नई पार्टियों में से केडीएमके और एमडीएमके 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के सहयोगी हुआ करती थीं। बैठक में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के स्टैंड को लेकर नाराज थी। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा था कि कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया तो वे दूसरी बैठक में नहीं आयेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी टॉप अपोजिशन लीडर्स को अगली बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक चिट्ठी लिखकर नेताओं को बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तरफ से पटना में बुलाई गई 23 जून की बैठक में उनकी भागीदारी के बारे में याद दिलाया।