New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया (Dr Mansukh Mandaviya) की उपस्थिति में सशस्त्र बलों के बीच मोटे अनाज के उपयोग और स्वस्थ भोजन प्रथाओं को बढ़ावा देने और सुरक्षित तथा पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार 13 जुलाई को नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। दोनों मंत्रियों ने श्रीअन्न (मोटे अनाज) के उपभोग और स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने के लिए ‘हेल्दी रेसिपीज फॉर डिफेंस’ नामक पुस्तक का भी विमोचन किया।
रक्षा मंत्रालय की ओर से महानिदेशक (आपूर्ति और परिवहन) लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत मोहिंदर सिंह और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सीईओ जी कमला वर्धन राव ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य कार्मिकों के बीच आहार विविधता और मोटे अनाज-आधारित खाद्य उत्पादों के पोषण संबंधी लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह एमओयू रक्षा मंत्रालय के तहत मेस, कैंटीन और अन्य खाद्य दुकानों में मोटे अनाज-आधारित मेनू की शुरूआत का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।
यह सहयोग खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुसार खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर मेस, सशस्त्र बलों की कैंटीन और अन्य फूड आउटलेट के खाद्य संचालकों और शेफ का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित करेगा। यह सशस्त्र बलों को राष्ट्र के प्रति अपनी सेवा में सुदृढ़ता और लचीलापन बनाये रहने में सक्षम बनाने के लिए उनके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक साझी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह समझौता ज्ञापन सशस्त्र बलों के परिवारों और व्यापक स्तर पर समुदाय को पौष्टिक आहार अपनाने, स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने और खाद्य सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
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एफएसएसएआई की पुस्तक ‘हेल्दी रेसिपीज फॉर डिफेंस’ में पोषक अनाज आधारित व्यंजनों की एक श्रृंखला शामिल है। यह रक्षा मंत्रालय के तहत विभिन्न कैंटीनों और फूट आउटलेट के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करेगा। रक्षा कर्मियों द्वारा सामना किए जाने वाले चुनौतीपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों और विविध जलवायु परिस्थितियों को देखते हुए आहार में विविधता बहुत महत्व रखती है। मोटे अनाज अपने पोषण संबंधी मूल्य के लिए जाने जाते है और ये संतुलित और विविध आहार में योगदान दे सकते है। इस अवसर पर चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव गिरिधर अरमने, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और रक्षा मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।