New Delhi : लोस में विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच खान एवं खनिज (संशोधन एवं विनियमन) विधेयक 2023, नेशनल नर्सिंग एवं मिडवाइफ कमीशन विधेयक 2023 और नेशनल डेंटल कमीशन विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित कर दिये गये। पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने जरूरी कामकाज निपटाने के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो सदस्यों का हंगामा बढ़ गया, लेकिन उन्होंने हंगामे के बीच ये तीनों विधेयक पारित करवा दिये।
कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खान एवं खनिज (संशोधन एवं विनियमन) विधेयक 2023 को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह विधेयक गेम चेंजर हो सकता है। उनका कहना था कि खनन क्षेत्र के नियमों में सुधार करने वाला यह विधेयक इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लायेगा। उन्होंने कहा कि पहले देश कोयले के आयात पर काफी हद तक निर्भर था, लेकिन अब कोयला उत्पादन में वृद्धि के साथ स्थिति धीरे-धीरे बदल गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm narendra modi) के कार्यकाल में कोयला क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है और खनिज राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से देश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो सुधार कोयला क्षेत्र में किए हैं, उनके कारण जिस तरह की स्थिति बन रही है, उसे देखते हुए उन्हें भरोसा है कि 2025-26 तक देश में कोयले के आयात की आवश्यकता लगभग समाप्त हो सकती है।
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नेशनल नर्सिंग एवं मिडवाइफ कमीशन विधेयक 2023 और नेशनल डेंटल कमीशन विधेयक 2023 (National Nursing and Midwife Commission Bill 2023 and National Dental Commission Bill 2023) को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने सदन में चर्चा करने और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग विधेयक के कानून बनने से जन समुदाय के हितों को साधने में महत्वपूर्ण प्रगति होगी और इससे जनता को सहूलियत होंगी।
यह विधेयक भारतीय नर्सिंग काउंसिल अधिनियम 1947 को निरस्त करता है और इसमें नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवरों के लिए शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव के नये प्रावधान किए गये हैं। विधेयक में राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग के गठन का भी प्रावधान है जिसके तहत आयोग में 29 सदस्य होंगे। इसके अध्यक्ष को नर्सिंग और मिडवाइफरी में स्नातकोत्तर होने के साथ ही कम से कम 20 साल का कार्य अनुभव होना अनिवार्य किया गया है।
आयोग के पदेन सदस्यों में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, सैन्य नर्सिंग सेवा और स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अन्य सदस्यों में नर्सिंग और मिडवाइफरी पेशेवर और धर्मार्थ संस्थानों का एक एक प्रतिनिधि शामिल हैं। आयोग के कार्यों में नर्सिंग और मिडवाइफरी शिक्षा के लिए नीतियां तैयार करना और मानकों को विनियमित करना, नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों में प्रवेश के लिए एक समान प्रक्रिया प्रदान करना, नर्सिंग और मिडवाइफरी संस्थानों को विनियमित करना और शिक्षण संस्थानों में संकाय के लिए मानक प्रदान करना शामिल है।
दंत चिकित्सा आयोग विधेयक को पारित करने के लिए प्रस्तुत करते हुए श्री मांडविया ने कहा कि इसमें दंत चिकित्सा व्यवसाय के विनियमन को बेहतर करने के प्रावधान किए गए हैं। इस विधेयक में गुणवत्तापूर्ण और किफायती दंत चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। अलग-अलग संक्षिप्त चर्चा के बाद सदन ने शोर-शराबे के बीच तीनों विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिए। पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।