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Patna। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने सोमवार को हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह का उद्घाटन किया। मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग द्वारा 1 अणे मार्ग स्थित ‘लोक संवाद” में आयोजित इस पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के अंतर्गत कुल 29 साहित्यकारों को अंगवस्त्र, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया ।
पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को घोषित हिन्दी दिवस के दिन करें और उस दिन हिन्दी भाषा को विकसित करनेवाले साहित्यकारों को सम्मानित करें । कविवर सत्यनारायण जी द्वारा रचित बिहार गीत पूरे बिहार में सभी महत्वपूर्ण बैठकों एवं विभिन्न अवसरों पर बजाया जा रहा है और आज उन्हें नागार्जुन पुरस्कार (Nagarjuna Award) से सम्मानित किया गया है। हम तो कहेंगे कि उनको पुरस्कार स्वरूप दी जानेवाली दो लाख रुपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि सबकी मांग को ध्यान में रखते हुए हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत प्रदान की जानेवाली धनराशि में बढ़ोत्तरी करें। हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत दी जानेवाली न्यूनतम धनराशि 50,000 रुपये को बढ़ाकर लाख रुपये से ज्यादा करें। पुरस्कार की राशि को अगली बार बढ़ाकर ही सरकार के पास भेजें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को भूलने लगे हैं, यह ठीक नही है। वर्ष 2019 के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की तादाद तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पृथ्वी को काफी नुकसान पहुंच रहा है। अगर यही स्थिति रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि सब कुछ खत्म हो जाएगा। आजकल मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चा से लेकर हर उम्र के लोग जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, यह उचित नही है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी काफी अच्छी भाषा है। इस देश की अधिकांश आबादी आपसी बोलचाल में इसी भाषा का इस्तेमाल करती है। आप सभी से आग्रह है कि इस भाषा को कायम रखते हुए इसे विकसित एवं विस्तारित करने पर विशेष बल दें।आज कल यह देखने को मिल रहा है कि हिन्दी के शब्दों को भी लोग अंग्रेजी में लिखने लगे हैं, इससे बचने की आवश्यकता है।
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उन्होंने कहा कि अग्रेंजी भी अच्छी भाषा है और सबको जाननी भी चाहिए लेकिन हिन्दी के शब्दों को हिन्दी में ही लिखनी चाहिए। आप सभी लोगों को यही सलाह दें । हिन्दी के शब्दों को अंग्रेजी में लिखने की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि हम जब सांसद और केन्द्रीय मंत्री थे तो कोई भी कानून बनता था तो वह हिन्दी के अलावा अंग्रेजी भाषा में भी लिखा रहता था। हम तो कहेंगे कि हिन्दी में ही आप लोग सब कुछ नोट कराएं। बिहार में सात निश्चय योजना के तहत सभी बच्चे-बच्चियों को प्रशिक्षित कराया जा रहा है ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान हो सके।
बच्चे – बच्चियों को प्रदान किये जा रहे प्रशिक्षण में हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा भी सिखाया जा रहा है ताकि वह अपनी बातें कह सकें और दूसरे की बातों को भी अंग्रेजी में भी समझ सके । हम पुनः आप लोगों से आग्रह करेंगे कि हिन्दी भाषा को विकसित करने पर विशेष ध्यान दें और हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत होनेवाले लोगों की संख्या बढ़ाकर उन्हें पुरस्कृत करें। इस काम में राज्य सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।कार्यक्रम में मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने स्वागत भाषण दिया।