पिछले कुछ सालों में ऐसी कई फिल्में बनी हैं जो सामाजिक मुद्दों पर आधारित थी। हालांकि, इनमें से कुछ ही फिल्में ऐसी रही है जिन्होंने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी और उन्हें सोचने पर मजबूर किया। अब एक ऐसी फिल्म आयी है जो एक नहीं बल्कि पांच कहानियों के जरिये लोगों को उजागर करना चाहती है। संजोय भार्गव के निर्देशन में बनी पंचकृति- फाइव एलिमेंट्स बुंदेलखंड के एक छोटे से शहर चंदेरी में शूट हुई है और इसमें मुख्या भूमिकाएं निभाई हैं बृजेन्द्र कला, पुरवा पराग और उमेश वाजपेयी ने। एक ही फिल्म में पांच कहानियों को पिरोने की वजह बताते हुए निर्देशक संजोय भार्गव कहते हैं : दुनिया भर में ऐसी फिल्मों को ‘एन्थोलॉजी फिल्म’ कहा जाता है।
एक ‘एन्थोलॉजी फिल्म’ में अलग-अलग कहानियां होती हैं, पर यह साड़ी कहानियां एक सिरे से जुड़ी होती हैं। हमारी फिल्म में जो पांच कहानियां हैं वे उन मुश्किलों और परिस्थितियों के बारे में जिनसे हमारे समाज की लड़कियों और औरतों को जूझना पड़ता है। पांचों ही कहानियां चंदेरी में स्थित है और वहीं पर फिल्मायी गयी हैं। पंचकृति-फाइव एलिमेंट्स में दर्शायी गयी पहली कहानी का नाम ‘खोपड़ी’ है। दूसरी कहानी ‘अम्मा’, तीसरी कहानी ‘सुआटा’, चौथी ‘चपेटा’ और पांचवीं ‘परछाई’ है।
पांचों कहानियां परिवरण, लैंगिक समानता, आध्यात्मिकता पर बहुत कुछ कहने का प्रयत्न करती है। सरकार के द्वारा चलाये गये कई महत्वपूर्ण अभियान स्वच्छ भारत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भी यह जागरूकता पैदा करती है। फिल्म के निर्माताओं ने दर्शकों से राब्ता बनाने के लिए खास इंतजाम भी किया है। थिएटर में जा कर फिल्म देखने पर और लकी ड्रा के जरिये कई भाग्यशाली दर्शक आकर्षक इनाम जीत सकते हैं।