Ayodhya। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अयोध्या के दो घंटे के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने श्रीरामलला के दर्शन किए। इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मंदिर निर्माण से जुड़े पदाधिकारियों को कुछ जरूरी निर्देश भी दिए।
लखनऊ से हेलीकॉप्टर द्वारा अयोध्या पहुंचने पर मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अगुवा एवं दिगम्बर अखाड़े के महंत रामचंद्रदास जी महाराज की 20वीं पुण्यतिथि पर सरयू तट स्थित उनके समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर समाधि स्थल के व्यवस्था प्रबंधक आचार्य नारायण मिश्रा, पुजारी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी नीतीश कुमार के मुताबिक मुख्यमंत्री दो घंटे के अयोध्या प्रवास के बाद लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि परमहंस रामचन्द्र दास जी महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि में पूजा-अर्चना के लिए 1950 में जिला न्यायालय में मुकदमा दायर किया। जिला अदालत ने पूजा–पाठ करने की अनुमति दे दी। मुस्लिम पक्षकारों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की। उच्च न्यायालय ने जिला अदालत के फैसले को उचित ठहराया।
दिगम्बर अखाड़े में बैठक हुई, जिसमें श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ। समिति की बैठक में तय किया गया कि श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए जन-जागरण किया जाएगा। परमहंस जी ने वर्ष 1985 के अक्टूबर माह में जनजागरण अभियान के लिए अयोध्या से छह राम-जानकी रथों का पूजन कर विभिन्न क्षेत्रों में भेजा।
परमहंस जी ने अयोध्या में घोषणा कर दी थी कि ‘अगर एक फरवरी 1989 तक श्रीराम जन्मभूमि का ताला नहीं खुला तो मैं आत्मदाह करूंगा।’ इसी बीच आठ मार्च 1989 को श्रीराम मंदिर का ताला खोल दिया गया।