भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत को विश्व की टॉप-3 अर्थव्यवस्था में लाना हमारा लक्ष्य है, जिसकी ओर हम तेजी से बढ़ रहे हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने में मध्य प्रदेश की बड़ी भूमिका होगी। मध्य प्रदेश के लिए हमारे संकल्प बड़े हैं। आने वाले पांच वर्षों में मध्य प्रदेश विकास की बुलंदियों को छुएगा। लगभग 51 हजार करोड़ लागत की औद्योगिक परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया गया है, इनसे बुंदेलखंड और मध्य प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलेगी। औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा मिलेगी। प्रधानमंत्री गुरुवार को मप्र के प्रवास के दौरान बीना रिफाइनरी परिसर में नवीन औद्योगिक परियोजनाओं के शिलान्यास अवसर पर विशाल जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने 51 हजार करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें बीना रिफाइनरी परिसर में 49 हजार करोड़ रुपये की लागत से पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स और मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 1800 करोड़ रुपये की लागत की 10 नई औद्योगिक परियोजनाएं शामिल हैं। नर्मदापुरम्म नवकरणीय ऊर्जा जोन, इंदौर में दो आईटी पार्क, रतलाम में मेगा इंडस्ट्रियल पार्क और छह शहरों शाजापुर, गुना, मंदसौर, आगर-मालवा, नर्मदापुरम् और मक्सी में नये औद्योगिक केंद्र विकसित किये जायेंगे। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स के निर्माण संबंधी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने पुष्प-गुच्छ और सांची स्तूप की प्रतिकृति भेंट कर प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश जो कभी देश के खस्ताहाल राज्यों में शामिल था, आज विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। उन्होंने कहा कि जी-20 की सफलता से आज पूरे विश्व में भारत का मस्तक ऊंचा हुआ है। गांव-गांव के बच्चे की जुबान पर जी-20 का नाम है। विदेशी मेहमानों ने कहा कि उन्होंने ऐसा आयोजन कभी नहीं देखा। हमने उनका स्वागत दिल खोलकर किया। वे हमारी विविधता और समृद्ध विरासत को देखकर प्रभावित हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हर भारतवासी ने देश के विकास का संकल्प लिया है, परंतु इसकी सिद्धि के लिये भारत का आत्म-निर्भर होना जरूरी है। आज बीना में पेट्रो-केमिकल इकाई का शिलान्यास इस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा। अभी भारत को डीजल, पेट्रोल और अन्य पेट्रो-केमिकल सामग्री के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना होता है। इन परियोजनाओं से पूरे क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाई मिलेगी, नये उद्योग आयेंगे और किसान, छोटे उद्यमी और बड़ी संख्या में नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि आज भारत विश्वमित्र के रूप में सामने आ रहा है, वह दुनिया को जोड़ने का सामर्थ्य दिखा रहा है। यह हमारी सनातन संस्कृति ही है जिसने हजारों वर्षों से हमारे देश को जोड़े रखा है। भगवान श्रीराम, देवी अहिल्याबाई, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी सभी हमारी सनातन संस्कृति के प्रतीक हैं। महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी, संत रविदास, लोकमान्य तिलक आदि सभी ने इसका संरक्षण किया है। परंतु आज कतिपय राष्ट्र विरोधी ताकतें इसे समाप्त करने की कोशिश कर रही हैं। ये फिर से देश को गुलामी में ढकेलना चाहती हैं। हमें साथ मिलकर पूरी ताकत से इन्हें रोकना होगा।