Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (cm nitish kumar) 18 वर्षों के कार्यकाल में बुधवार को पहली बार सचिवालय पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा आरक्षण लागू करना नहीं है। यह इसी से स्पष्ट होता है कि केंद्र ने अब तक जनगणना नहीं कराई है। वे यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
लोकसभा में महिला आरक्षण पर चल रही चर्चा को लेकर नीतीश ने कहा कि हम तो शुरू से इसके पक्षधर रहे हैं। उन्होंने महिला आरक्षण लागू होने में विलंब की ओर संकेत देते हुए कहा कि जब जनगणना ही नहीं हुई है तो आरक्षण कैसे लागू होगा? नीतीश ने कहा कि जनगणना तो वर्ष 2021 में केंद्र को करना चाहिए था। यह नहीं हुआ। हमने कहा है कि जाति आधारित जनगणना कर लीजिए लेकिन यह नहीं हुआ। हम लोगों की यही मांग है लेकिन अभी तक जनगणना का काम नहीं हुआ।
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बिहार में महिलाओं की सशक्तिकरण के लिए किए गए कामों को गिनाते हुए सीएम ने कहा कि वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आज पुलिस में जितनी महिलाएं हैं उतना देश में कहीं नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री मुख्य सचिवालय पहुंचे। उनके साथ वित्त मंत्री विजय चौधरी भी थे। मुख्यमंत्री के सचिवालय पहुंचने के बाद हड़कंप मच गया। ज्यादातर अधिकारी गायब थे। सीएम के आने की खबर मिलने के बाद राज्य के आलाधिकारी भागते-दौड़ते हुए सचिवालय पहुंचने लगे। लगभग डेढ़ घंटे तक सचिवालय में बैठने के बाद नीतीश जब बाहर निकले तो कहा कि अब सप्ताह में तीन दिन वे साढ़े 9 बजे मुख्य सचिवालय में पहुंच जायेंगे। बाकी के दो दिन मुख्यमंत्री सचिवालय में सुबह-सुबह पहुंचेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिवालय में ही बिहार के मुख्यमंत्री का सरकारी चेंबर है लेकिन नीतीश कुमार ने मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री के बैठने का सिस्टम ही बदल दिया है। नीतीश कुमार सिर्फ कैबिनेट की बैठक के लिए मुख्य सचिवालय आते हैं और सिर्फ उसी दिन अपने चेंबर में कुछ देर के लिए बैठते हैं। नीतीश ने मुख्यमंत्री आवास को बड़ा कर वहां अपना सचिवालय बनाया है और वहीं राजकीय अतिथिशाला के एक हिस्से को अलग कर वहां भी सीएम सचिवालय बना लिया गया है।