HISAR: हिसार निवासी आचार्य कार्तिकेय वियतनाम में होने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेंगे। वे एस्ट्रोलॉजी तथा योग पर भारत की विद्याओं पर विचार व्यक्त करेंगे।
आचार्य कार्तिकेय कान्फ्रेंस में यौगिक क्रियाओं के माध्यम से ग्रहों के प्रभाव को कैसे ठीक किया जा सकता है, इस पर विचार रखेंगे। वियतनाम में 28 सितम्बर को होने वाली इन कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग देशों के वास्तु विशेषज्ञ, एस्ट्रोलॉजर, टैरो कार्ड विशेषज्ञ, न्यूमेरोलॉजिस्ट, लेखक एवं शिक्षाविद भाग लेंगे। असम बंगिया ज्योतिष एवं वास्तु सोसायटी के प्रवक्ता ने बताया कि संस्था की ओर से यह 32वीं अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस होगी जो इस बार वियतनाम में होगी। कार्यक्रम संयोजन में ऋषि बंकिम कृष्टि हेरीटेज परिषद तथा वियतनाम की इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एस्टोलॉजी की संयुक्त भागीदारी रहेगी।
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आचार्य कार्तिकेय ने मंत्र साधना, विपश्यना ध्यान, ओशो धारा, आनंद मार्ग, सुदर्शन क्रिया, शिव योग साधना, महामृत्युंजय साधना आदि में योग को खोजने का प्रयास किया है। महज 27 वर्ष के युवा एस्टोलॉजर आचार्य कार्तिकेय ने ज्योतिष विद्या में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इसके अलावा उन्होंने ज्योतिष रत्न, ज्योतिष भूषण, ज्योतिष प्रभाकर की डिग्री लेने के अलावा लाल किताब और कृष्णमूर्ति पद्धति में विद्वता हासिल की है। उन्हें अब तक ज्योतिष सप्तऋषि अवार्ड, गुरु गोरखनाथ अवार्ड, ज्योतिष मार्तंडेय अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं।