Bhopal: मध्य प्रदेश के सतना जिले की मैहर विधानसभा से भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी ने शुक्रवार को विधायक पद के साथ-साथ भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि आगे की रणनीति जल्द बनेगी। पार्टी का सम्मान करते हुए इस्तीफा दिया है। कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। दरअसल, त्रिपाठी टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। इस्तीफा देते ही अब उनके कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। बीते कई दिनों से वे कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के संपर्क में थे।
नारायण त्रिपाठी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में मैहर से भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन वे अपनी ही पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे। वे बीते सालों में समय-समय पर कांग्रेस का समर्थन करते नजर आए थे। इसी के चलते इस बार भाजपा ने उनका टिकट दिया। इस बार भाजपा ने मैहर से श्रीकांत चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद से ही नारायण त्रिपाठी के अलग होने की अटकले लग रही थी। आखिकार उन्होंने अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शुक्रवार को अपने इस्तीफे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को भेज दिए हैं।
पिछले चुनाव में भाजपा से जीते थे, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। तब उन्होंने मैहर को जिला बनाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ को राजी कर लिया था। फिर, 2020 में उन्होंने विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठाई। दो माह पूर्व उन्होंने पत्र लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की प्रतिमा भोपाल में स्थापित करने और सतना में लगी प्रतिमा के अनावरण के लिए पत्र लिखा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने सात मार्च को भोपाल में अर्जुन सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी कर दिया।
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नारायण त्रिपाठी पहली बार 2003 में समाजवादी पार्टी के टिकट से विधायक बने थे। वह 2005 में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। वह 2008 के चुनाव में सपा की टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन भाजपा से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। इसके बाद वे कांग्रेस में चले गए और 2013 में कांग्रेस से टिकट मिला और वे चुनाव जीत गए, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से अजय सिंह राहुल को टिकट मिला तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया और 2015 में उन्होंने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया और भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने 2016 के विधानसभा उपचुनाव में भाजपा से लड़कर जीत दर्ज की और 2018 के चुनाव में पुनः विधायक चुने गए थे।
इधर, सागर के नरयावली विधानसभा से भाजपा के दावेदार पूर्व जिला पंचायत सदस्य अरविंद तोमर ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शुक्रवार को भेजे अपने त्याग पत्र में लिखा कि ‘निरंतर उपेक्षा करने के कारण आज मैं भाजपा द्वारा दिए गए सभी दायित्व एवं प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।’ अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि अरविंद तोमर नरयावली विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं।