Mathura: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Dr. Mohan Bhagwat) ने मथुरा जिले के फरह क्षेत्र के ग्राम परखम में मंगलवार को दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के मुख्य और प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। इसके साथ ही दीनदयाल बुनकर केंद्र एवं बायो गैस प्लांट का भी लोकार्पण किया।
इस अवसर पर डॉ. भागवत ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व के सामने ग्राम परखम का यह अनुसंधान केंद्र गाय की उपयोगिता का वैज्ञानिक प्रमाण देगा। यह अनुसंधान केंद्र मानव जीवन में गाय की महती उपयोगिता पर एक नई पटकथा लिखेगा कि पर्यावरण संकट का उपाय गाय ही है। इस अवसर पर हंस फाउंडेशन की अध्यक्ष मंगला माता, साध्वी ऋतम्भरा, दीनदयाल कामधेनु गौशाला समिति के अध्यक्ष महेश गुप्ता एवं मंत्री हरीशंकर शर्मा के साथ कई साधु-संत एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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डॉ. भागवत ने कहा कि भारत की परम्परा लेकर देना है। हमें प्रकृति इतना सब देती है तो हमें उसे दोगना वापस करने की कोशिश करनी चाहिए और गाय पाल कर हम ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देशी गाय के दूध की महिमा आज सबको माननी पड़ी है। जैसे-जैसे हम प्राचीन मूल्यों की ओर बढ़ रहे हैं वैसे ही धीरे-धीरे भारत वर्ष भी उठ खड़ा हो रहा है। यहां होने वाले अनुसंधान विश्व के सामने गाय की उपयोगिता प्रमाण के साथ प्रदर्शित करेंगे और सतत प्रयास से हमें ये लक्ष्य प्राप्त होगा। जैसे राम मंदिर बनने में 30 साल तक लगातार सतत प्रयास हुए तब कहीं जाकर प्रयास सार्थक हुए, ऐसे ही यह लक्ष्य भी काफी बड़ा है, लेकिन प्रयास से हमें लक्ष्य हासिल होगा।
हंस फाउंडेशन की अध्यक्ष मंगला माता ने कहा कि भारतीय संस्कृति का मूल आधार गाय है। सरकार के अलावा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी भी गाय की रक्षा करना है। कैंसर जैसे असाध्य रोगों के इलाज में पंचगव्य की महत्ता पर अनुसंधान सम्पूर्ण मानव को एक नई उम्मीद देगा। इस अवसर पर संघ प्रमुख डॉ. भागवत ने पंचगव्य के पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन भी किया। युवाओं के मार्गदर्शन एवं गौ की उपयोगिता बताने के लिए गोदान फिल्म के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। परखम में जन्मे संघ के पदाधिकारी गिर्राज ताऊजी की स्मृति में गिर्राज गौशाला का शुभारम्भ भी किया गया।