Begusarai: मैथिल भाषा-भाषियों की प्रतिनिधि संस्था चेतना समिति के तत्वावधान में पटना में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा को बिहार राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
समारोह में अतिथियों का स्वागत करते हुए सचिव उमेश मिश्र ने समिति की गतिविधियों के सम्पादन में समाज के सभी वर्गों के लोगों के सहयोग अपेक्षा की। उन्होंने अपने दैनिक जीवन में भी पारंपरिक संस्कार गीत को अपनाने की अपील की। समिति की अध्यक्ष निशा मदन झा ने सरकार से मिथिलांचल में मैथिली के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा देने की व्यवस्था करने तथा मैथिली को बिहार की राजभाषा बनाने की मांग की।
समारोह के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के विकास आयुक्त विवेक सिंह ने मैथिली को मिथिलांचल के सभी जाति-धर्म, वर्ग के लोगों की भाषा बताया तथा हर किसी को इस भाषा का अधिकाधिक उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से मिथिला की समृद्ध कला संस्कृति और सभ्यता को संजोने की अपील की। इस संदर्भ में उन्होंने मिथिला के गीत परम्परा की चर्चा की।
इस अवसर पर बिहार के महानिरीक्षक (कारा सुधार) शीर्षत कपिल अशोक ने मैथिली भाषा की मिठास उसकी स्मृद्धि का वर्णन किया तथा विद्यापति की रचनाओं को कालजयी बताते हुए उन्हें युग पुरुष की संज्ञा दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि बरौनी रिफाइनरी के कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने एकीकरण और देशभक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी वर्ग, धर्म, जाति के लोगों को एक सूत्र में पिरोकर ही विकास संभव है।
इस अवसर पर बिहार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए आर.के. झा को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि 18 नवम्बर 1963 को पैदा आर.के. झा बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप में पले-बढ़े। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बरौनी, हायर सेकेंडरी साइंस कॉलेज पटना और बी.टेक बीआईटी सिंदरी से केमिकल इंजीनियरिंग में पूरी की। श्री झा के पास एनर्जी मैनेजर के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन है। उन्होंने ग्लोबल ग्रेजुएट स्कूल सिंगापुर से बिजनेस लीडरशिप पर ऑनलाइन हाइब्रिड सर्टिफिकेट प्रोग्राम पूरा किया है।
वे ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली आईएसओ 500001:2011 के लिए लीड ऑडिटर भी हैं। तेल और गैस उद्योग में 35 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ श्री झा मुख्यधारा के संचालन, तकनीकी सेवाओं और ऊर्जा संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 1989 में वे प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में बोंगाईगांव रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड में शामिल हुए, जिसका 2009 में इंडियन ऑयल में विलय हो गया। श्री झा ने इंडियन ऑयल की बोंगाईगांव और बरौनी रिफाइनरी के लिए महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वह ऊर्जा प्रबंधन और पर्यावरण चेतना के चैंपियन रहे हैं। श्री झा कहते हैं कि किसी संगठन का मूल्य उसके लोगों को सुरक्षित और आकर्षक कार्य व्यवस्था प्रदान करने तथा पर्यावरण देखभाल शामिल है। जिससे धरती माता और उसकी जैव विविधता का पोषण और संरक्षण हो सके। उन्होंने वर्ष 2022-23 में 6.78 एमएमटीपीए का उच्चतम क्रूड थ्रूपुट हासिल करके (ऑपरेशन के 58 वर्षों में उच्चतम) बरौनी रिफाइनरी के शानदार प्रदर्शन का समर्थन किया।
रिफाइनरी को अब तक के सबसे कम ईंधन और हानि, एमबीएन एवं ऊर्जा दक्षता सूचकांक (ईआईआई) हासिल करने के लिए प्रेरित किया, जो रिफाइनरी की ऊर्जा दक्षता को दर्शाता है। उन्होंने रिफाइनरी द्वारा नौ एमएमटीपीए से कम रिफाइनरी क्षमता की श्रेणी में प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ रिफाइनरी प्रदर्शन सुधार पुरस्कार 2023 जीतने का नेतृत्व किया। इन्हीं के कार्यकाल में बरौनी रिफाइनरी को 2022 एवं 2023 के लिए तीन पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।