New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को दुबई में कॉप-28 के विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (COP-28 World Climate Action Summit) में कहा कि भारत ने पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच संतुलन का एक उदाहरण स्थापित किया है। भारत में वैश्विक आबादी का 17 प्रतिशत हिस्सा है। इसके बावजूद वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में भारत का योगदान 4 प्रतिशत से भी कम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जो एनडीसी लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर है। मोदी ने वैश्विक मंच से प्रो-प्लैनेट, प्रो-एक्टिव और सकारात्मक पहल ग्रीन क्रेडिट इनिसिएटिव का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने 2028 में भारत में कॉप-33 की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा।
Delivering my address at the session on Green Credit at @COP28_UAE. https://t.co/3HbkXkdslM
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2023
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत 140 करोड़ भारतीयों की ओर से अभिवादन के साथ की। उन्होंने क्लाइमेट जस्टिस, क्लाइमेट फाइनेंस और ग्रीन क्रेडिट जैसे विषयों को निरंतर समर्थन के लिए कॉप के नेताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम सभी के प्रयासों से यह विश्वास बढ़ा है कि विश्व कल्याण के लिए सबके हितों की सुरक्षा और सबकी भागीदारी आवश्यक है।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पारिस्थितिकी और अर्थव्यवस्था के बीच बेहतरीन संतुलन बनाते हुए दुनिया के सामने विकास का एक मॉडल पेश किया है। भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद ग्लोबल कार्बन एमिशन में हमारी हिस्सेदारी चार प्रतिशत से भी कम है। भारत विश्व की उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में ये एक है, जो एनडीसी लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है। उत्सर्जन की तीव्रता संबंधित लक्ष्यों को हमने 11 साल पहले ही हासिल कर लिया है। गैर जीवाश्म र्इंधन लक्ष्य को भी निर्धारित समय से पहले ही हासिल कर चुके हैं।
मोदी ने कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन की तीव्रता को 45 प्रतिशत घटाना है। हमने तय किया है कि गैर जीवाश्म र्इंधन का शेयर बढ़ा कर 50 प्रतिशत करेंगे। भारत ने 2070 तक ‘नेट जीरो उत्सर्जन’ की ओर बढ़ने का फैसला किया है। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने सतत विकास पर व्यापक रूप से जोर दिया। वैकल्पिक र्इंधन के लिए भारत ने र्इंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा दिया है और वैश्विक जैव र्इंधन गठबंधन लॉन्च किया है।