Lucknow: प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम अभीम) के तहत कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में प्रधानमंत्री अभीम योजना (Pradhan Mantri Abhim Yojana) के तहत ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट (Block Public Health Unit), डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी (District Integrated Public Health Laboratory), जिला चिकित्सालय और मेडिकल कॉलेज में 50 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय में 100 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक और स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना की जा रही है।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री अभीम योजना के तहत वर्ष 2025-26 तक प्रदेश में 515 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, 75 डिस्ट्रिक्ट इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब, प्रदेश के 22 जिला चिकित्सालय और 22 मेडिकल कॉलेज में 50 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, 30 जिला चिकित्सालय में 100 शैय्या क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण करेगी।
इसके अलावा प्रदेश में 1670 स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण किया जाएगा। जबकि 674 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को अपने भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने 4892.53 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है।
प्रदेश के सभी 75 जिला अस्पताल में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी (आईपीएचएल) की स्थापना की जा रही है। इन प्रयोगशालाओं में करीब 150 से अधिक प्रकार की जांचें हो सकेंगी। इसके लिए लैब टेक्नीशियन, एक माइक्रोबॉयलॉजिस्ट, एक बाॅयोकेमिस्ट के साथ में पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर की नियुक्त होगी। इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब से हर जिला अस्पताल में माइक्रोबाॅयोलॉजी से संबंधित सारी जांचें होने लगेंगी। ऐसे में मरीजों को जांच के लिए बड़े और निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि माइक्रोबाॅयोलॉजी में वायरोलॉजी, बैक्टीरियोलॉजी, प्रोटिस्टोलॉजी, माइक्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पैरासिटोलॉजी की जांच होती है।