Hyderabad : प्रयागराज में चल रहे आध्यात्मिक महाकुंभ के बीच दक्षिण का राज्य कर्नाटक का सेडम शहर एक वैश्विक सांस्कृतिक महाकुंभ के लिए तैयार हो रहा है। कलबुर्गी जिले के सेडम में 29 जनवरी से आरंभ हो रहे 9 दिवसीय आयोजन का नाम है- भारतीय संस्कृति उत्सव-7। आयोजन का थीम है- प्रकृति केन्द्रित विकास। भारत विकास संगम और विकास अकादमी ने संयुक्त रुप से इसे आयोजित किया है। निमंत्रण पत्रिका पर ऊपर में लिखा है- सज्जन शक्तियों का अनोखा संगम।
भारत विकास संगम का यह आयोजन हर तीसरे साल होता है। अबतक छह आयोजन हो चुके हैं। सातवां संस्कृति उत्सव श्री कोत्तल बसवेश्वर भारतीय शिक्षण समिति की स्थापना के पचास साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। 28 जनवरी को आयोजन के निमित्त दो शोभायात्राएं निकलेंगी। पहली शोभायात्रा कलबुरगी में सुबह 09 बजे शुरू होगी ठीक उसी समय सेडम में एक दूसरी शोभायात्रा शिवशंकर शिवाचार्य स्वामीजी के सान्निध्य में निकाली जाएगी।
यह भी पढ़े : रांची जेल के दो सुरक्षाकर्मियों को वाहन ने कुचला, एक की मौत और एक घायल
कैसा होगा भारतीय संस्कृति उत्सव-
भारतीय संस्कृति उत्सव की संचालन समिति के राष्ट्रीय संयोजक श्री माधव रेड्डी यड्मा के मुताबिक सेडम के प्रकृति नगर में 29 जनवरी से शुरू होकर 6 फरवरी तक चलने वाला मुख्य समारोह 240 एकड़ विस्तृत भूमि पर होगा। इसमें विविध प्रकार के स्वदेशी उत्पादों के 900 स्टॉल होंगे। 9 थीम एक्जीविशन लगेंगे। अलग-अलग क्षेत्रों के 90 विशेषज्ञों के वैचारिक सत्र होंगे। उम्मीद की जा रही है कि 25 लाख विजिटर्स इस दौरान यहां आएंगे। व्यवस्था संभालने के लिए नौ हजार स्वयंसेवकों की तैनाती रहेगी।
उत्सव का आयोजन जिस विशाल परिसर में हो रहा है, जिसका नाम महान संत श्री सिद्धेश्वर स्वामी जी की स्मृति में प्रकृति नगर रखा गया है। इसमें 24 एकड़ भूमि पर 70 हजार लोगों के बैठने के लिए सभागार बनाया जा रहा है जिसमें सभी 9 दिन मुख्य समारोह होंगे। सायं काल में प्रत्येक दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इसी के मुख्य मंच से होगा। इसके अलावे दो- दो हजार लोगों के बैठने की क्षमता वाले यनिगुंडी माते मनिकेश्वरी मंडप और जम्बलदिन्नी सभा मंडप भी तैयार हो रहा है। कृर्षि पद्धति औऱ एकीकृत जैविक खेती के लिए 11 एकड़ में कृषि लोक है। विज्ञान प्रदर्शनी के लिए 6 एकड़ आवंटित है। कलालोक में विविध कार्यशालाएं और प्रदर्शनियों के लिए दो एकड़ भूमि आवंटित है।
किस दिन क्या होगा खास-
9 दिनों तक चलने वाले महोत्सव में अलग-अलग दिन अलग-अलग सम्मेलन होने हैं। पहला दिन मातृ शक्ति सम्मेलन होना है, जबकि दूसरे दिन शैक्षणिक सम्मेलन के नाम रहने वाला है। इसी तरह युवा सम्मेलन तीसरे दिन और ग्राम कृषि सम्मेलन चौथे दिन प्रस्तावित है। आहार आरोग्य सम्मेलन के लिए 2 फरवरी ( पांचवा दिन) की तिथि निर्धारित है और उद्योग स्वयं उद्योग के लिए छठा दिन। सातवें दिन पर्यावरण सम्मेलन, आठवें दिन सेवा शक्ति सम्मेलन और अंतिम यानि 9वें दिन देश-धर्म- संस्कृति सम्मेलन होगा। समापन के दिन सायं काल में अनिवासी भारतीयों का सम्मान समारोह भी होगा। 7 फरवरी को एक विशेष आयोजन हो रहा है, जहां देश के जाने-माने विचारक-चिंतक और भारत विकास संगम के संस्थापक श्री के.एन गोविंदाचार्य के अभिनंदन एवं सहत्र चंद्र दर्शन कार्यक्रम भी आयोजित है।
कौन- कौन होंगे विशेष आकर्षण-
भारतीय संस्कृति उत्सव के लिए विविध प्रकार के प्रचार सामग्रियां हिंदी, अंग्रेजी, कन्नड और तेलुगू भाषा में छपी हैं। मुख्य आमंत्रण पत्र 52 पेज का है, जिसमें हर दिन होने वाले कार्यक्रमों की समय सारणी अतिथियों के नाम सहित प्रकाशित है। अतिथियों में जो नाम प्रमुख हैं और चर्चित हैं, उनमें पूर्व राष्ट्रपति श्रीरामनाथ कोविंद, भारत रत्न क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, इंफोसिस वाली श्रीमती सुधा मूर्ति( सांसद), कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले, श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरि जी महाराज, पूर्व जस्टिस शिवराज वी पाटिल, इसरो प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ, एनएएफटी के चेयरमैन डॉ. अनिल सहस्त्रबुद्धे, यूजीसी के पूर्व चेयरमैन डॉ. जे एस राजपूत, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विजयेन्द्र येदियरप्पा, अभिनेता रमेश अरविंद, लेखक चक्रवर्ती सुलीबेले, डॉ. नूमल मोमिन, पद्मश्री दीपा मलिक, पुणे के पद्मश्री मुरलीकांत पेटकर और ब्रह्माकुमारीज के सचिव डॉ. मृत्युंजय, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान, मनसुख मंडविया, एच डी कुमारस…