Kanpur: केन्द्र हो या राज्य दोनों सरकारें लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में जुटी है। लेकिन उप्र के कानपुर नगर में लगभग 367 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले ईएसआईसी अस्पताल अर्ध निर्मित हालत में अब खंडहर होने की कगार पर पहुंच चुका है। बीते 14 वर्ष से शुरू होने की राह देख रहा है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम निदेशक काली चरण झा कहना है कि डेंटल कॉलेज बनाया जाना था। लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नॉर्म्स चेंज कर दिए कि डेंटल कॉलेज अकेला नहीं बनेगा। मेडिकल कॉलेज के साथ ही इसे बनाया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए न तो इतनी जगह है और न ही ईएसआईसी की कोई योजना है।
बतादें कि कानपुर के पांडु नगर में 300 बेड का अस्पताल बनना था। स्ट्रक्चर पूरी तरह बनकर तैयार खड़ा है। अर्धनिर्मित इमारत में लगभग 350 कमरे भी बनाए गए। इसी परिसर में 48 फ्लैट भी आवासीय बनाए गए। अनदेखी के चलते निर्मित इमारत की दीवारों पर धूल एवं काई जम चुकी है। बाहर एवं अंदर दीवारों झाड़ियां जम चुकी है। पूरा परिसर जंगल बन चुका है। वर्ष 2009 से 367 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण शुरू हुए ईएसआईसी अस्पताल 14 वर्ष से शुरू हाने की राह देख रहा है। अस्पताल में स्थापित होने वाले लगभग 80 करोड़ के उपकरण नष्ट हो रहें है।
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खुले आसमान में रखे करोड़ो के उपकरण हो रहे नष्ट
इस अस्पताल में लगने वाले 3 बड़े जेनरेटर वर्ष 2010 में खरीदकर लाए गए थे, लेकिन खुले आसमान में रहने की वजह से वे सभी नष्ट हो रहें है। जब से उसकी खरीद की गई, उसके बाद से अब तक वह स्टार्ट नहीं हो सके और जंग लग रहा है।
सांसद और विधायक ने इस प्रकरण को लेकर विभागीय मंत्री कर चुके है मुलाकात
विधायक सुरेन्द्र मैथानी इस प्रकरण को लेकर श्रम—रोजगार मंत्री से भी मिले है। मांग किया है कि अति शीघ्र इस समस्या का निदान किया जाए, नहीं तो करोड़ों रुपए सरकार के बर्बाद हो जाऐंगे।