दिल्ली: अर्जुन मुंडा ने आदि महोत्सव में जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) मीट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, कार्यक्रम ने जमीनी स्तर पर आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देने की गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।
वहीं जनजातीय मामले के सचिव विभु नायर ने B2B सत्र के महत्व पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय उद्यमियों के बीच आर्थिक विकास, सहयोग और सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (PM JVM) योजना के तहत सहयोगी ढांचे की स्थापना करते हुए भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (Indian People’s Alliance Cooperation Marketing Development Economist) और कॉर्पोरेट पावरहाउस आईटीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इसका उद्देश्य यह है कि, उन राज्यों में जहां हल्दी की खेती प्रचलित है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान और आजीविका में सुधार किया जा सके।
B2B Meet में आकर्षक चर्चाओं और नेटवर्किंग(networking) के अवसरों में 16 निगमों, 4 स्टार्टअप, 3 उद्योग परिसंघों, 1 खाद्य श्रृंखला रेस्तरां, 8 SIA व SND और 5 जैविक खाद्य डीलरों की सक्रिय भागीदारी देखी गयी जो सीधे आदिवासी कारीगरों से जुड़े हुए थे। इसका उद्देश्य उत्पादन क्षमताओं और खरीद संभावनाओं में जनजातीय उत्पादों के लिए घरेलू और वैश्विक बाजारों को व्यापक बनाना है।
कार्यक्रम में 90 विक्रेताओं ने नेटवर्किंग प्रतिभागियों के माध्यम से पंजीकरण कराया। जिसमें मेटा(Meta) प्रतिनिधियों ने व्यापार विस्तार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का लाभ उठाने पर मार्गदर्शन प्रदान किया। डिजिटल एकीकरण(digital integration) और बाजार पहुंच के उद्देश्य से 20 विक्रेताओं को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce) पर सफलतापूर्वक शामिल किया गया।