रांची। झारखंड के लोगों को अब न्यूरोलॉजी की गंभीर बीमारियों का इलाज और सर्जरी करवाने के लिए बेंगलुरु नहीं जाना पड़ेगा। लोग रांची के कांके में ही इलाज और सर्जरी करवा पाएंगे। कांके में 500 करोड़ रुपये की लागत से 500 बेड का अस्पताल बनेगा। यहां साइकियैट्री के साथ-साथ न्यूरोलॉजी की भी व्यवस्था रहेगी। केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) रांची के निदेशक प्रो. (डॉ.) बासुदेव दास ने यह जानकारी दी।
प्रो. दास का कहना है कि मानसिक रोगों को लेकर लोगों में स्टिग्मा बहुत ज्यादा होता है। इसलिए वह इसे छिपाने की कोशिश करते हैं। इलाज भी नहीं कराना चाहते। प्रस्तावित अस्पताल को बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान ( एनआईएमएचएएनएस ) की तर्ज पर झारखंड के मेंटल हेल्थ को न्यूरोसाइंसेज से जोड़ने का प्रयास चल रहा है। अगर अस्पताल को न्यूरोसाइंसेज जा दर्जा मिल जाएगा, तो उसकी स्वीकार्यता भी बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग यहां इलाज कराने आएंगे।
प्रो. दास के मुताबिक रांची के सीआईपी कैंपस में 500 बेड का नया अस्पताल प्रस्तावित है। इस पर 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर, वार्ड, ओपीडी की व्यवस्था रहेगी।
उन्होंने कहा -मेरा ख्याल है कि नए अस्पताल में सीआईपी की तरह ही लोगों का कम पैसे में ही इलाज किया जाएगा। हमारी यही कोशिश होगी कि कम से कम पैसे में लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिल सके। मगर यह राज्य सरकार पर निर्भर होगा कि वह अस्पताल को कैसे चलाना चाहती है।