नई दिल्ली : चीन के उत्तरी हिस्से में बच्चों में बढ़ रही सांस की बीमारियों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ तैयारियों के उपायों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और संकेत दिया है कि किसी भी अलार्म की जरूरत नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में उन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारी के उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी है। वरिष्ठ स्तर पर एचआर, अस्पताल के बिस्तर, इन्फ्लूएंजा के लिए दवाएं और टीके, चिकित्सा आॅक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, परीक्षण किट और अभिकर्मकों, आॅक्सीजन संयंत्रों और वेंटिलेटर की कार्यक्षमता, स्वास्थ्य सुविधाओं में संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं की उपलब्धता की जांच करने को कहा है।
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस साल की शुरुआत में साझा किये गये कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशा-निर्देश को लागू करने की सलाह दी है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में डब्ल्यूएचओ द्वारा साझा की गयी जानकारी में चीन के उत्तरी हिस्से में सांस की बीमारी में वृद्धि का संकेत दिया गया है। इसके लिए मुख्य रूप से इन्फ्लुएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, एसएआरएस-सीओवी-2 आदि जैसे सामान्य कारण जिम्मेदार हैं।