नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी बहुत जल्द राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का विस्तार करने जा रही है। इस विस्तार में कुछ नए क्षेत्रीय दल शामिल होंगे जबकि कुछ पुराने बिछडे हुए साथी पुन: एनडीए के साथ आयेंगे। मिशन 2024 को लेकर एनडीए का ये विस्तार काफी अहम माना जा रहा है। बीते कुछ दिनों से देश में ऐसा माहौल बनाया जा रहा था कि क्षेत्रीय दल भाजपा का साथ छोड़ रहे हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी नेत़त्व ने इसे गंभीरता से लिया और एनडीए का विस्तार करने को लेकर मिशन मोड में काम शुरू हुआ।
जानकारी के मुताबिक एनडीए में शामिल होने वाले दलों में सबसे पहला नाम है जेडीएस का। कर्नाटक चुनाव नतीजे आने के बाद ही बीजेपी और जेडीएस में बातचीत शुरू हो गई थी, लेकिन इस कयास को बल तब मिला जब तमाम विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल हुए। इतना ही नहीं ओडिशा में रेल हादसे के बाद श्री देवेगौड़ा ने रेल मंत्री की सक्रियता को देखकर उनकी पीठ थपथपाई। बताया जा रहा है जेडीएस प्रमुख एचडी कुमार स्वामी के साथ बीजेपी बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है।
इसी तरह दूसरी बड़ी पार्टी है आंध्र की जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस। गैरतलब है कि जगनमोहन रेड्डी भी नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल भी हुए। हालांकि, आंध्र में तेलगुदेशम प्रमुख चंद्रबाबू नायडू भी बीजेपी के संपर्क में हैं। वाईएसआर कांग्रेस और तेलगुदेशम में से कोई एक एनडीए का हिस्सा हो सकते है।
वहीं, पंजाब की अकाली दल फिर से एनडीए में लौटने जा रही है। जानकारी के मुताबिक विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत और जालंधर उपचुनाव के नतीजों ने बीजेपी और अकाली को एक बार फिर नजदीक ला दिया है। इसी तरह बिहार में उपेंद्र कुशवाहा, यूपी में ओमप्रकाश राजभर सहित कई अन्य छोटे-बड़े क्षेत्रीय दलों के नेताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह की कई बैठक भी हो चुकी है। अब एनडीए के विस्तार को सिर्फ अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।