चंडीगढ़। सरकार ने पंजाब के लोगों को शुद्ध पर्यावरण माहौल देने की वचनबद्धता पर पानी की वायरोलॉजिकल टेस्टिंग शुरू की है। टेस्टिंग की शुरुआत में एसएएस नगर, रूपनगर, लुधियाना और मुक्तसर से पीने वाले पानी के 200 नमूनों पर अध्ययन किया गया है।
विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बुधवार को बताया कि बारिश के मौसम में पानी से होने वाली बीमारियां फैलती हैं, जिसके कारण पिछले कुछ सालों से पंजाब में पानी से पैदा होने वाली बीमारियों में विस्तार हुआ है। हेपेटाइटिस ए पांच साल से कम उम्र के बच्चों और हेपेटाइटिस ई गर्भवती महिलाओं में पाया जाता है।
मीत हेयर ने बताया कि टेस्टिंग की शुरुआत में एसएएस नगर, रूपनगर, लुधियाना और मुक्तसर से पीने वाले पानी के 200 नमूनों पर किये गए अध्ययन किया गया है। मौजूदा समय में अलग-अलग विषाणुओं के लिए पानी के नमूनों का विश्लेषण किया जा रहा है। हेपेटाइटिस को ध्यान में रखते हुए वायरस से दूषित पानी की जांच भी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।