Shimla। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा है कि राज्य सरकार ने बिना केंद्र सरकार की मदद के आपदा प्रभावित 25 हजार से अधिक परिवारों को बसाया, जबकि भाजपा नेताओं ने आपदा में भी राजनीति की। अभूतपूर्व आपदा के बावजूद केंद्र सरकार से मिलने वाले विशेष आर्थिक पैकेज को रुकवाने में भाजपा ने रोड़े लगाए ।
सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने प्रभावित परिवारों को सहायता देने के लिए सीमित आर्थिक संसाधनों के बावजूद 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया। प्रदेश में आई अभूतपूर्व आपदा के बावजूद केंद्र सरकार ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने एवं उनके पुनर्वास के लिए कोई विशेष आर्थिक पैकेज नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस आपदा के दौरान हिमाचल प्रदेश के भाजपा नेताओं का राज्य विरोधी चेहरा देखने को मिला। प्रभावित परिवारों की मदद करने की बजाय भाजपा नेता केंद्र सरकार की आर्थिक मदद रुकवाने के लिए रोड़े अटकाते रहे।
सुक्खू ने कहा कि जब विधानसभा में हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए राज्य सरकार प्रस्ताव लेकर आई तो भाजपा विधायक तीन दिन तक बड़ी-बड़ी बातें करते रहे, लेकिन जब प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने की बारी आई तो भाजपा विधायक प्रस्ताव के विरोध में खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की कथनी और करनी लोगों के सामने आ चुकी है और भाजपा नेताओं का सच राज्य की जनता जान चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने बीते वर्ष बरसात के मौसम में अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का सामना किया। भारी बारिश के बाद आई बाढ़ और भू-स्खलन ने जन-जीवन तथा सम्पत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया। प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के पुनर्निर्माण के लिए सहायता राशि को 1.30 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे घरों के लिए सहायता राशि को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये, दुकान या ढाबे के नुकसान पर सहायता राशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये और गौशालाओं को नुकसान होने पर सहायता राशि को तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया गया है।