झारखंड | छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा व पंजाब में Black Fungus (म्यूकरमाइकोसिस) का खतरा बढ़ रहा है| छत्तीसगढ़ के रायपुर में 30 से अधिक ऐसे मरीज मिले हैं, मध्य प्रदेश के इंदौर में अब तक चार और नरसिंहपुर में एक मरीज की मौत हो गई है|
राज्य में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी किया है| औषधि विभाग द्वारा जिला स्तर पर बीमारी में कारगर दवा पोसाकोनाजोल, एम्प्रोटेरेसिन-बी को आवश्यक दवाओं की श्रेणी में रखा गया है| लेकिन इन दवाओं की उपलब्धता दवा बाजार में ना के बराबर है|
क्या है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस या काली फफूंद एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है| ये म्यूकर फफूंद के कारण होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है| अभी कोविड-19 के कई मरीजों में फंगस इंफेक्शन की शिकायत देखी गई है| इस फंगस इंफेक्शन को ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्यूकरमाइकोसिस कहते हैं| कोरोना मरीज साफ-सफाई का का खास ख्याल रखें और रोजाना नहाएं| इसके अलावा धूल वाली जगहों पर मास्क जरूर लगाएं, गार्डेनिंग या मिट्टी में काम करते वक्त जूते, हाथों-पैरों को ढकने वाले कपड़े और ग्लव्स जरूर पहनें|
ये है लक्षण
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार ब्लैक फंगस की पहचान इसके लक्षणों से की जा सकती है|
- इसमें नाक बंद हो जाना
- नाक व आंख के आस-पास दर्द व लाल होना
- बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस फूलना,
- खून की उल्टियां
- मानसिक रूप से अस्वस्थ होना और कंफ्यूजन की स्थिति शामिल हैं|
यह कोरोना वायरस के उन मरीजों पर सबसे ज्यादा अटैक कर रहा है, जिनको शुगर की बीमारी है|
इन राज्यों में आए हैं ब्लैक फंगस के मामले
गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, और झारखंड|
कोरोना मरीज इन बातों का रखें ख्याल
आईसीएमआर (ICMR) के अनुसार, कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों को हाइपरग्लाइसिमिया पर नियंत्रण करना जरूरी है| इसके अलावा डायबिटिक मरीजों को ब्लड ग्लूकोज लेवल चेक करते रहना चाहिए| स्टेरॉयड लेते वक्त सही समय, सही डोज और अवधि का ध्यान रखें| ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान साफ पानी का इस्तेमाल करें| अगर मरीज एंटीबायोटिक्स और एंटीफंगल का इस्तेमाल कर रहा है तो इसमें भी सावधानी बरतने की जरूरत है|