Shimla: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सेब उत्पादक क्षेत्रों में भूस्खलन से अवरुद्ध सड़कों को सेब सीजन शुरू होने से पहले बहाल कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने इस सम्बंध में अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान के दृष्टिगत जारी राहत कार्यों की समीक्षा की।
इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को सेब सीजन की शुरुआत से पहले सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों को बहाल करने के अलावा इन क्षेत्रों से सेब की उपज के निर्यात के लिए वैकल्पिक मार्गों की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने यातायात के सुचारू संचालन के लिए ठियोग-रामपुर, ठियोग-हाटकोटी, रामपुर-किन्नौर, छैला-नेरीपुल और ओड्डी रामपुर वाया कोटगढ़ सड़कों को पर्याप्त मात्रा में श्रमशक्ति और मशीनरी की तैनाती के साथ यातायात सुचारू रखने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को मशीनरी खरीदने के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। उन्होंने कहा कि इस सीजन में राज्य में सेब के लगभग 2 करोड़ बक्सों की पैदावार की उम्मीद है जो प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण पिछले साल के सीजन की तुलना में कम है।
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सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन सड़कों के सुचारू संचालन की निगरानी के लिए लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता नोडल अधिकारी होंगे और वह सड़कों की स्थिति के संबंध में प्रतिदिन प्रधान सचिव, लोक निर्माण विभाग को रिपोर्ट देंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी और लोक निर्माण विभाग तुरंत सभी सड़कों की बहाली का कार्य शुरू करे।
मुख्यमंत्री ने प्रमुख स्थानों पर पर्याप्त पुलिस कर्मियों की तैनाती के निर्देश भी दिए ताकि सेब सीजन के दौरान वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने मंडी, कुल्लू, सोलन, किन्नौर, चंबा और सिरमौर के जिला प्रशासन से भी बात की और वहां जारी राहत एवं बचाव कार्यों का ब्यौरा लिया। उन्होंने बताया कि चार पर्यटकों को सुरक्षित भरमौर लाया गया है।
उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए परवाणू-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग की डबल लेन को एक दो दिनों में कार्यशील कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारी भूस्खलन के कारण सोलन जिले के शामती क्षेत्र में 50 घर खाली करवा लिए गए हैं। उन्होंने तत्काल राहत के रूप में प्रभावितों को प्रति परिवार एक-एक लाख रुपये राहत प्रदान करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सैंज सड़क को वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है और तीर्थन घाटी के लिए सड़कें शीघ्र खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जिला के प्रशासनिक अधिकारियों को सड़कों की स्थिति की दैनिक रिपोर्ट प्रशासन को भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुए पेड़ों के बारे में रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करें।