नई दिल्ली: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है और जनप्रतिनिधियों को भी इससे पैदा हो रहे जमीन विवादों के स्थायी समाधान के तौर पर इसे स्वीकार करने की अपील की है। ईसाई धर्मावलंबियों की संस्था ने संविधान में दी गई गारंटी के तहत धार्मिक अल्पसंख्यकों के तौर पर उनके अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।
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सीबीसीआई ने सोमवार को एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है, “यह एक वास्तविकता है कि मौजूदा केंद्रीय वक्फ अधिनियम में कुछ प्रावधान संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ असंगत हैं।”
उदाहरण देते हुए अल्पसंख्यक इसाईयों की इस संस्था ने कहा कि केरल में वक्फ बोर्ड ने मुनंबम क्षेत्र में 600 से अधिक परिवारों की पैतृक आवासीय संपत्तियों को वक्फ भूमि घोषित करने के लिए इन प्रावधानों का इस्तेमाल किया है। पिछले तीन वर्षों में मुद्दा एक जटिल कानूनी विवाद में बदल गया है। केवल एक कानूनी संशोधन ही इसका स्थायी समाधान प्रदान कर सकता है।
सीबीसीआई ने अपील की है कि वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश किया जाना है और राजनीतिक दलों तथा विधायकों से इस मुद्दे पर निष्पक्ष और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। मुनंबम के लोगों को भूमि का सही स्वामित्व पूरी तरह से बहाल किया जाना चाहिए। भारतीय संविधान के सिद्धांतों का खंडन करने वाले किसी भी प्रावधान या कानून में संशोधन किया जाना चाहिए। साथ ही, संविधान द्वारा गारंटीकृत धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।