Sriharikota/Tirupati : चंद्रयान-3 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने गुरुवार की सुबह तिरुमला में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। 14 जुलाई को चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण किया जायेगा। मंदिर पहुंचे वैज्ञानिक दल में तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक अधिकारी ने भी उनके मंदिर पहुंचने की पुष्टि की है।
टीटीडी (TTD) के एक अधिकारी ने कहा कि जी हां, इसरो का दल तिरुमला आया लेकिन हमारी जनसंपर्क शाखा ने उनके दौरे को कवर नहीं किया। उन्होंने बताया कि मंदिर के अधिकारी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों और केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के दौरे में व्यस्त थे। अधिकारी ने बताया कि इसरो के अधिकारी आम तौर पर मंदिर में अपने दौरे को जनता की नजरों से दूर ही रखते हैं।
चंद्रयान-3 को लॉन्च करने के लिए इसरो पूरी तरह तैयार : वैज्ञानिक
मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद इसरो के वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि यह चंद्रमा पर हमारा मिशन चंद्रयान-3 है। 14 जुलाई को प्रक्षेपण होना है। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ भी मंदिर में पूजा करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे अपना तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। मैं प्रार्थना करता हूं कि सब कुछ ठीक से हो जाये और यह 23 अगस्त के बाद किसी भी दिन चंद्रमा पर उतर जाए। इससे पहले इसरो ने बुधवार को चंद्रयान-तीन मिशन के लिए मिशन तत्परता समीक्षा (एमआरआर) पूरी कर ली। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ट्वीट में कहा कि एमआरआर बोर्ड ने प्रक्षेपण को अधिकृत कर दिया है।
ये भी पढ़ें : –
बिहार में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में जमकर बवाल, लाठीचार्ज में भाजपा नेता की मौत
अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) (ISRO) ने इस सप्ताह प्रक्षेपित किये जाने वाले चंद्रयान-3 मिशन के लिए संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया का 24 घंटे का प्रक्षेपण पूर्वाभ्यास भी किया। चंद्रयान-3 मिशन का प्रक्षेपण 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा और इसके लैंडर के चंद्रमा की सतह पर 23 या 24 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। चंद्रयान-3 मिशन सितंबर 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, जिसके चंद्र सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की संपूर्ण क्षमता प्रदर्शित करने की उम्मीद है।