दरभंगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को दरभंगा में मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान, दरभंगा के परिसर में आयोजित कार्यक्रम स्थल से 3463.2 करोड़ रुपये लागत की कुल 97 योजनाओं का शिलापट्ट अनावरण कर रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।
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इसमें 96.47 करोड़ रुपये की लागत से कुल 36 विकासात्मक योजनाओं का उद्घाटन एवं 3366.73 करोड़ रुपये की लागत की 61 योजनाओं का शिलान्यास किया गया। इसमें प्रगति यात्रा के दौरान जिले के विकास के लिये घोषित योजनाओं का शिलान्यास भी शामिल है। इन योजनाओं से जिले में विकास कार्यों को नई गति एवं दिशा मिलेगी, जिससे लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक सुधार होगा एवं उन्हें इसका प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान, दरभंगा के परिसर में ही आयोजित संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित पेंशनधारी लाभुकों, जीविका दीदियों, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका सहित अन्य लाभुकों के साथ संवाद किया। वहां उपस्थित लोगों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं की पेंशन राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये किया गया है। इसके अलावा गृह रक्षकों का दैनिक भत्ता 774 रुपये से बढ़ाकर 1121 रुपये, आंगनबाड़ी सेविका के मानदेय 7 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4 हजार रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये, विद्यालय रात्री प्रहरी का मानदेय 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये, किसान सलाहकारों का मानदेय 13 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये तथा आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। इससे हम सभी लोग काफी खुश हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट बिजली फ्री करने से हमलोगों को बहुत फायदा हो रहा है। इससे होने वाली बचत राशि का उपयोग हमलोग अन्य विकास कार्यों में कर रहे हैं। जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को उनके लिए किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से कहा कि आप सभी लोग लोग बहुत अच्छा काम कर रही हैं। इसी प्रकार पूरी बुलंदी के साथ काम करते रहिए और आगे बढिये। सरकार हरसंभव मदद करेगी। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा कि आप लोग अच्छे से मिल-जुलकर रहें तथा बिहार को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान दें।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन एवं शोध संस्थान के निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर के प्रशासनिक भवन में पांडुलिपियों का बारीकी से अवलोकन किया। साथ ही संस्थान को एनएच- 77 से संपर्कता प्रदान करने के लिए प्रशासनिक पथ का अवलोकन किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।