बेगूसराय। राजा जनक के समय से मिथिला का दक्षिणी द्वार कहा जाने वाला बेगूसराय का पावन गंगा घाट सिमरिया घाट अब नए रूप में तैयार होकर गेटवे ऑफ मिथिला बनेगा। मंगलवार को गंगा दशहरा के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिमरिया में बिहार के पहले रिवर फ्रंट का शिलान्यास करेंगे।
मुख्यमंत्री के आगमन की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोपहर 12:30 बजे सड़क मार्ग से सिमरिया घाट आएंगे। स्विस कॉटेज में थोड़ी देर विश्राम करने के बाद जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में रिमोट से स्थाई सीढ़ी घाट सहित अन्य कार्यों का शिलान्यास कर लोगों को संबोधित कर सकते हैं। उसके बाद गंगा किनारे जाकर भूमि पूजन करेंगे।
कार्यक्रम को लेकर सोमवार को डीएम रोशन कुशवाहा एवं एसपी योगेन्द्र कुमार ने अधिकारियों के साथ सिमरिया घाट का निरीक्षण कर एक-एक पहलुओं की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
डीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री के सड़क मार्ग से आने की सूचना है। यहां आकर मुख्यमंत्री गंगा घाट किनारे विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे। जिससे सिमरिया को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके। मुख्यमंत्री सिमरिया में करीब 40 से 45 मिनट रुकेंगे। शिलान्यास और भूमि पूजन के अलावा अन्य कार्यक्रम के लिए दस पगोड़ा (स्विस कॉटेज) के अलावा करीब दो हजार लोगों के बैठने के लिए पंडाल भी बनाया गया है। जहां मुख्यमंत्री लोगों को संबोधित कर सकते हैं। शिलान्यास और भूमि पूजन के बाद मुख्यमंत्री मीडिया ब्रीफिंग भी करेंगे।
एसपी ने बताया कि व्यवस्था ऐसी है कि गंगा दशहरा के अवसर पर स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं हो। श्रद्धालुओं के गंगा स्नान और कार्यक्रम को लेकर अलग-अलग व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री जिस घाट पर जाएंगे, उस घाट को 10:30 बजे खाली कराया जाएगा। डबल लेयर बैरिकेडिंग की गई है। आठ डीएसपी, 150 पुलिस पदाधिकारी और आठ सौ पुलिसकर्मियों के साथ क्विक रिस्पांस टीम को तैनात किया गया है। जांच अभियान आज से ही शुरु है।
उल्लेखनीय है कि नौ नवम्बर 2022 को राजकीय कल्पवास मेला के समापन पर सिमरिया आए नीतीश कुमार ने गंगा तट का निरीक्षण कर इसे हरिद्वार के तर्ज पर विकसित करने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया था। इसके बाद मार्च में मंत्रिमंडल ने 114.97 करोड़ की लागत से सिमरिया गंगा घाट के विकास को स्वीकृति दी। विगत सप्ताह इसके टेंडर की प्रकिया पूरी कर पश्चिम बंगाल की कंपनी जीके झा कंस्ट्रक्शन को काम मिला है। उक्त एजेंसी द्वारा 18 माह में निर्माण कार्य पूरा किया जाना है।
जिसमें राजेन्द्र पुल से निर्माणाधीन सिक्सलेन सड़क पुल तक 550 मीटर लंबा स्थाई स्नान घाट, रिवर फ्रंट का विकास, गंगा महाआरती स्थल का निर्माण, स्नान घाट एवं चेंजिंग रूम का निर्माण, स्नान घाट के समानांतर सुरक्षा की व्यवस्था, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप का निर्माण, पार्किंग, वाच टावर, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था, लैंडस्केपिंग, शौचालय, धर्मशाला, पाथ वे, प्रकाश की व्यवस्था, कल्पवास मेला क्षेत्र का विकास तथा एनएच 31 से गंगा तट तक फोरलेन सड़क निर्माण आदि भी किया जाना है।