लखनऊ। केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘राज्य स्तरीय विकसित भारत युवा संसद’ उत्तर प्रदेश विधानसभा मंडप में शुक्रवार को शुरू हुआ। इसमें प्रदेश से 240 विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। इन्हीं युवाओं की आवाज से अगले दो दिनों तक विधानसभा गूंजेगी। युवा संसद के दौरान अच्छा भाषण, विषय रखने और विषय की स्पष्टता के मानक पर खरा उतरने वाले तीन युवाओं का चयन होगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित यही तीन युवा भारत की संसद में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व करेंगे।
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युवा संसद के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणादायक मार्गदर्शन से यह कार्यक्रम शुरू हुआ है। दो वर्षों से इसकी प्रक्रिया चल रही थी। आज उत्तर प्रदेश के 240 युवा इस चर्चा का हिस्सा बनने यहां आये हैं। आपको गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। लोकतंत्र में तीन पिलर- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका हैं। विधानसभा में जो सदस्य आते हैं, वे नियम के अंतर्गत ही कुछ कह सकते हैं। उसके लिए समय भी निर्धारित है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र के इन स्तंभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हम कोई कानून बनाते हैं तो भारत का संविधान हमारे सामने होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह तीनों स्तंभ एक दूसरे के पूरक हैं, विरोधी नहीं हैं। जब तीनों मिलकर कार्य करते हैं तो सुशासन का लक्ष्य प्राप्त होता है। ऐसा नहीं है कि आज से आप सब सोचने लगें कि सबको नेता ही बनना है। ऐसे ही जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अनंत संभावनाएं होती हैं। अन्य क्षेत्रों में आप जाकर कार्य कर सकते हैं। आप में नेतृत्व की क्षमता होनी चाहिए। जब लकीर का फकीर बनते हैं, काम से मुंह चुराते हैं तो आपके पराभव का कारण बनता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्ति का व्यवहार बताता है कि वह राजा है, मंत्री है या सिपाही है। आपका व्यवहार आपके व्यक्तित्व को प्रदर्शित करता है। आप किसी भी क्षेत्र में जाकर नेतृत्व कर सकते हैं। युवा संसद का मतलब नेताओं की फौज तैयार करना नहीं है। मुख्यमंत्री ने कुम्भ की चर्चा की। कुम्भ के लिए सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण, पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण कराया गया। आज के पुलिस के जवान का व्यवहार राजा के सिपाही की तरह नहीं बल्कि लोकतंत्र के सिपाही की तरह होना चाहिए। सफलता और विफलता में संतुलन बनाकर चलना है। आप सब भाग्यशाली हैं जो यहां आकर बैठे हैं। विधायक बनने के लिए उन्हें बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। आप सब सौभाग्यशाली हैं।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमारा नेतृत्व युवाओं की चिंता करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि 2047 में भारत कैसा होगा, इस दिशा में अभी से कार्य करना होगा। अब राजशाही नहीं है। लोकतंत्र है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के बारे में परसेप्शन बदला है। आठ साल पहले प्रदेश के लोग बाहर जाते थे तो अपनी पहचान छुपाते थे। आज हम गौरवान्वित हो रहे हैं। यह सबके संयुक्त प्रयास से संभव हो सका है। विधानसभा के बारे में गलत बताया गया है। आज इस सदन में डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, पीएचडी समेत विभिन्न क्षेत्रों विधायक हैं। पहले कहा जाता था कि जो कुछ नहीं कर रहा वह नेता बनेगा। आज की स्थिति है जो सबकुछ कर सकता है, वह नेता बनेगा। आज आप लोग के बीच में विधायक नीरज बोरा हैं। यह पेशे से चिकित्सक हैं। पेशे से वकील विधायक अनुपमा जायसवाल और बीटेक विधानपरिषद सदस्य पवन सिंह चौहान हैं। जीवन में समय का प्रबंधन जरूरी है। इस अवसर पर विधानपरिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह युवा संसद युवाओं के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी।
यूपी विधानसभा मंडप में विधायकों की सीट पर प्रतिभागी विद्यार्थी बैठे हुए थे। युवाओं में बेहतरीन उत्साह देखने को मिला। सदन में विधायकों की तरह ही इन युवाओं ने भी मेजें थपथपा कर वक्ताओं का स्वागत किया। सत्ता पक्ष की ओर मंत्री की सीटों पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह और सूचना निदेशक शिशिर समेत नेहरू युवा केन्द्र के अन्य अधिकारी बैठे।