लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश को आधुनिक तकनीक का हब बनाने और युवाओं को उन्नत तकनीक में पारंगत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को प्रदेश के नागरिकों के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षेत्र में दक्षता हेतु “AI प्रज्ञा” कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम के जरिए प्रारंभिक चरण में राज्य के 10 लाख नागरिकों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, डाटा एनालिटिक्स एवं साइबर सिक्योरिटी जैसे उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित करते हुए सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जायेगा।
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यह कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, राजस्व और सचिवालय प्रशासन जैसे विभिन्न विभागों के सहयोग से संचालित किया जाएगा। एआई प्रज्ञा कार्यक्रम न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा, बल्कि सरकारी सेवा, कृषि, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देगा। यह पहल निश्चित ही उत्तर प्रदेश को भारत के तकनीकी मानचित्र पर एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।
राज्य सरकार द्वारा संचालित होने वाले एआई प्रज्ञा कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष रूप से ग्रामीण अंचलों के किसानों, छात्र-छात्राओं, अध्यापकों, स्वयं सहायता समूह (एस.एच.जी.) की महिलाओं, प्रधानों व जन सेवा केन्द्र संचालकों आदि को एआई एवं अन्य अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य उन्हें डिजिटल साक्षरता के जरिए सशक्त बनाकर बदलते तकनीकी परिदृश्य में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है, ताकि वे रोजगार, कृषि, उद्यमिता व शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों का लाभ उठा सकें और डिजिटल युग की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें।
इस कार्यक्रम में राज्य स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अधीनस्थ सेंटर फॉर ई-गवर्नेंस (सी.ई.जी.) सोसाइटी नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी तथा जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की निगरानी में कार्यक्रम का क्रियान्वइयन किया जायेगा।
इस कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, एचसीएल, वाधवानी फाउंडेशन, अमेजन, गूगल और 1एम1बी जैसे वैश्विक स्तर के संगठनों की सहभागिता इस योजना को गुणवत्ता और प्रभावशीलता प्रदान करेगी।
यह कार्यक्रम राज्य के कर्मचारियों, छात्रों, शिक्षकों, डॉक्टरों, एनजीओ कार्यकर्ताओं, प्रगतिशील किसानों, प्रधानों, जन सेवा केन्द्र संचालकों एवं ग्रामीण महिलाओं को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा।