पटना: पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित गोदावरी दत्ता के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए संदेश में कहा कि, मूलरूप से दरभंगा निवासी गोदावरी दत्ता ने मधुबनी पेंटिंग को देश-विदेश में पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उनके निधन से कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
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CM ने स्व. गोदावरी दत्ता के परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
मिथिला पेंटिंग की शिल्पगुरु मानी जाने वाली गोदावरी दत्त का लंबी बीमारी के बाद बुधावार काे दाेपहर में निधन हो गया। पद्मश्री पुरस्कार सम्मानित गोदावरी दत्त 93 साल की थी। गोदावरी दत्त बीते एक हफ्ते से कोमा में थीं। किडनी खराब हो गई थी। डॉक्टर ने जवाब दे दिया था।
जानें कौन थी गोदावरी दत्त
गोदावरी दत्त का जन्म एक निम्न मध्यम वर्गीय कायस्थ परिवार में दरभंगा के लहेरियासराय में 1930 में हुआ था। इनका विवाह मधुबनी के रांटी गांव में उपेन्द्र दत्त से हुआ, जहां से उनकी पेंटिंग्स की यात्रा शुरू हुई। गोदावरी दत्त ने मिथिला पेंटिग को घर से निकालकर देश दुनिया में पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। काफी वृद्ध होने के बाद भी वह अपनी पेंटिंग के हुनर से ऐसी पेंटिंग बनाती रहीं कि देखने वाले मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
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