Dehradun: मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग की ओर से मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में 14 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार महिला शक्ति को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
मंगलवार को सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की मंत्री रेखा आर्या ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान राजपुर विधायक खजान दास भी मौजूद रहे।
उत्तराखण्ड की 14 महिलाओं ने राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार और 35 महिलाओं को राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार प्रदान किये गए। पुरस्कार पाने वाले के बैंक खातों में 51 हज़ार धनराशि आनलाइन जारी की गई। कार्यक्रम में मानसी नेगी चमोली और प्रीति रुद्रप्रयाग राज्य से बाहर होने चलते उनका पुरस्कार सम्बंधित प्रतिनिधि की ओर से लिया गया।
मुख्यमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पुरस्कार पाने वाली महिलाओं के साथ खड़े होकर वह स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे, दोनों बच्चों की स्कूल पूर्व शिक्षा की नींव आंगनबाड़ी केन्द्र पर ही पड़ी है। वह आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ परिवार जैसा महसूस करते हैं। तीलू रौतेली के साहस का प्रतीक हमारी सभी बहनें है। महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने में किये गये प्रयासों में सरकार की प्राथमिकता झलकती है।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की महिला परक योजनाओं की प्रगति बताते हुए प्रतिभागियों से आह्वान किया कि सरकारी योजनाओं की सही जानकारी प्राप्त कर अन्य महिलाओं तक पहुंचाई जाये। महिलाओं की प्रगति का संकल्प “विकल्प रहित” है जिसे पूर्ण करने में राज्य वासियों को अपनी पूरी क्षमता से योगदान देना है।
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आंगनबाड़ी कार्यकत्री की पोशाक धारण कर गौरवान्वित महसूस कर रहीं : रेखा आर्य
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की मंत्री रेखा आर्या ने समारोह में आंगनबाड़ी कार्यकत्री की पोशाक धारण कर प्रतिभाग किया। मंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी की पोशाक पहनकर वह स्वयं को उनके समान मेहनती और अनुशासित महसूस कर रही हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड की परिकल्पना में तीलू और आंगनबाड़ी कार्यकत्री जैसा जीवट, सीखने की इच्छा व साहस के गुण सन्निहित हैं। महिलायें अपने अन्दर की क्षमता को पहचान कर समाज को आगे बढ़ायें। तीलू रौतेली के जन्मदिवस के सुअवसर पर आधुनिक तीलू रौतेली व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का सम्मान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिलाओं के परम हितैषी है। लगातार उनके उत्थान की योजनायें ला रहे हैं। दोनों पुरस्कारों की धनराशि मुख्यमंत्री ने खुद बढ़ाई है। उन्होंने ही आंगनबाड़ी कर्मियों का मानदेय देश में सबसे ज्यादा करने की ओर कदम बढ़ाए हैं।
उन्होंने कहा कि रंग, जाति व लिंग तीन तरह के भेदभाव समाप्त कर ही समाज में महिलाओं की तरक्की सुनिश्चित हो सकती है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में खेल जगत में उत्तराखण्ड की महिला खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नये कीर्तिमान स्थापित करेंगी। प्रधानमंत्री के “मेरी माटी मेरा देश” अभियान से सभी लोग जु़ड़कर उसे सफल बनायें।
राजपुर विधायक खजान दास ने मुख्यमंत्री एवम मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित सभी महिलाओं को तीलू रौतेली जन्मदिवस की बधाई देते हुए कहा कि सरकार महिलाओं व बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू होना महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
इन्हें मिले पुरस्कार–
देहरादून से अमीशा चौहान (पर्वतारोहण- दिव्यांग वर्ग), हरिद्वार से दिव्या भारद्वाज (खेल), अल्मोड़ा से गरिमा जोशी (खेल- दिव्यांग वर्ग), बागेश्वर से मोहिनी कोरंगा (खेल-दिव्यांग वर्ग), चमोली से मानसी नेगी (खेल), चंपावत से शांभवी मुरारी (कला एवं योग), नैनीताल से मंजू पांडेय (साहित्य, शिक्षा व सामाजिक कार्य), पौड़ी से नूतन पंत (स्वरोजगार), पिथौरागढ़ से निवेदिता कार्की (खेल), रुद्रप्रयाग से प्रीति (पर्वतारोहण), टिहरी से हिमानी (खेल), ऊधमसिंह नगर से नीलिमा राय (खेल-दिव्यांग वर्ग) और उत्तरकाशी से ममता (पर्वतारोहण व साहसिक कार्य) व कमला अरोड़ा, नैनीताल से समाजसेवा में हैं।
सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग की ओर से राज्य की विषम परिस्थितियों में शिक्षा, समाज सेवा, साहसिक कार्य, खेल, कला क्राफ्ट, संस्कृति, पर्यावरण एवं कृषि आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला एवं किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति ’’तीलू रौतेली’’ पुरूस्कार प्रतिवर्ष वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस 08 अगस्त, को प्रदान किया जाता है।
योजना के अन्तर्गत चयनित महिलाओं को प्रशस्ति पत्र, 51,000 की धनराशि ऑनलाइन जारी करते हुए प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया जाता है।
राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार के लिए राज्य में न्यूनतम 05 वर्ष से निरन्तर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकत्री /मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री जिनके केन्द्र पर ग्रामीण क्षेत्रों में 3 से 6 वर्ष के न्यूनतम 08 एवं शहरी क्षेत्रों में न्यूनतम 18 बच्चे पंजीकृत हो और समस्त लाभार्थी पोषण ट्रैकर एप में पंजीकृत हों।