पटना। बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है।बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) शिक्षक बहाली में चयनित 1,20,336 शिक्षकों में से 25 हजार शिक्षकों को आगामी दो नवम्बर को सीएम नीतीश कुमार सामूहिक रूप से नियुक्ति पत्र बांटेंगे। बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा को लेकर लगातार हो रहे हंगामे के बीच नीतीश सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी कर ली है।
मुख्यमंत्री 1,20,336 शिक्षकों में से 25,000 शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र सौपेंगे।इनमें से 500 को वो खुद अपने हाथ से नियुक्ति पत्र सौंपेंगे।दूर-दराज के पूर्णिया, भागलपुर और सहरसा प्रमंडल के शिक्षकों को उनके जिले में ही जिलाधिकारी द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण किया जायेगा।इसके अलावा बचे हुए शेष 95,336 शिक्षकों को उनके काउंसिलिंग वाले जिले में ही नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में सभी डीएम को दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने हाथों से जिले के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपें।
बिहार सरकार की ओर से सोमवार को एक पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि बिहार में 18 साल की मेहनत से जो माहौल बदला है, उसकी छवि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर काफी बेहतर हुई है। यही कारण है कि दूर-दराज के लोग बिहार आकर विद्यालय अध्यापक के पद पर योगदान कर रहे हैं। इतनी भारी संख्या में जो टैलेंट पोल हमारे विद्यालयों को प्राप्त हुआ, उसे पूरी तरह इस्तेमाल करना हमारी प्राथमिकता होगी।
बिहार सरकार ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा कुल उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में 88 प्रतिशत बिहार से हैं और 12 प्रतिशत अन्य राज्यों से हैं। बिहार में नौकरी पाने के लिए उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, असम, प. बंगाल, पंजाब, मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा दिल्ली से भी योगदान करने आए।बिहार सरकार ने दावा किया कि कान्वेंट विद्यालय एवं केन्द्रीय विद्यालय के भी कई अध्यापकों ने आयोग की दी हुई परीक्षा को उत्तीर्ण किया है और विद्यालय अध्यापक के पद पर योगदान किया है। इन आंकड़ों को देखने से यह स्पष्ट है कि बिहार में आकर लोग काम करना चाहते हैं।
बिहार सरकार ने तो 12 प्रतिशत नियुक्ति अन्य राज्यों से बताई है, उसे आप ऐसे समझ सकते हैं। दरअसल शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक लाख 20 हजार 336 शिक्षक बने हैं। इसमें करीब 14 हजार यानी 12 प्रतिशत शिक्षक बाहर के राज्य के हैं।