देहरादून: हिन्दी फ़िल्मों के सुप्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह ने अपनी धर्मपत्नी और अभिनेत्री शेफाली शाह के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर भेंट की। इस दौरान विपुल शाह ने राज्य सरकार की नई फिल्म नीति—2024 को फ्रेंडली बताया है। शाह ने इस फ़िल्म नीति के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। नई फ़िल्म नीति से अब राज्य में फ़िल्मों की शूटिंग को और भी बढ़ावा मिलने वाला है।
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शहर में शेफाली शाह और जयदीप अहलावत की अभिनीत फिल्म “हिसाब” की शूटिंग करने निर्माता निदेशक विपुल शाह राज्य में हैं। CM से मुलाकात के बाद शाह ने प्रदेश को संपूर्ण रूप से फ़िल्मकारों के लिए एक फ़िल्म फ्रेंडली डेस्टिनशन बताते हुए कहा कि अन्य प्रदेशों से यहां शूटिंग करना सरल है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद (यूएफडीसी) की ओर से सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सरल शूटिंग अनुमति की प्रक्रिया को सराहना की। स्थानीय लोगों की ओर से की गई सहायता की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि उनकी नयी फिल्म “हिसाब” में मुख्य कलाकारों के रूप में शैफ़ाली शाह और अभिनेता जयदीप अहलावत है। यह फ़िल्म एक कॉमेडी सस्पेंस फ़िल्म है। इस फ़िल्म की तीन दिन की शूटिंग के लिए 60 प्रतिशत से अधिक सपोर्ट क्रू सदस्य स्थानीय लिये गये है।
धामी ने कहा कि सरकार फ़िल्म निर्माण से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। फ़िल्म निर्माण से राज्य में प्रत्यक्ष रोज़गार की नयी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य के पर्यटन को नयी मज़बूती मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि नए शूटिंग डेस्टिनशनों को भी पर्यटन विभाग के सहयोग से चिन्हित कर उनको भी शूटिंग के लिए प्रचारित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिससे फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का भी प्रचार हो सके।
उल्लेखनीय है कि विपुल अमृतलाल शाह की मुख्य फ़िल्मों में आंखे, सिंह इज द किंग, नमस्ते लन्दन, नमस्ते इंग्लैंड, द केरल स्टोरी व बस्तर आदि कई फिल्में बना चुके हैं। शेफाली शाह वर्तमान में वेब सीरीज दिल्ली क्राइम में अपने लीड रोल के कारण सुर्ख़ियों में रही हैं। वे कई हिन्दी फ़िल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं अदा कर चुकी हैं।
नई फ़िल्म नीति में पहले से अधिक अनुदान
मुलाक़ात के दौरान मौजूद रहे सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार की नई फ़िल्म नीति में फ़िल्मों के लिए पहले अधिक अनुदान की घोषणा की है। ओटीटी प्लेटफ़ार्म पर रिलीज़ फ़िल्मों और वेब सीरीज को भी अनुदान के लिए शमिल किया गया है। मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस भेंट में फ़िल्म विकास परिषद के सीईओ और महानिदेशक सूचना के अलावा फ़िल्म विकास परिषद के जॉइंट सीईओ और संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी स्थानीय भाषाओं की फ़िल्मों की शूटिंग की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जनवरी 2024 से अभी तक उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद के ऑनलाइन अनुमति पोर्टल “सिंगल विंडो सिस्टम” के द्वारा मात्र 4 महीनों में 150 से भी अधिक शूटिंग अनुमतियां दी की गई है, जो कि काफ़ी उत्साहजनक हैं। फ़िल्म अनुमतियों को लेकर सभी ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भी लिखा जा रहा है। संरक्षित वन क्षेत्र को छोड़कर उत्तराखंड सरकार के अधीन आने वाले विभाग फ़िल्म शूटिंग के लिए कोई शुल्क नहीं लेंगे, ऐसा फ़िल्म पालिसी में प्रावधान है।फ़िल्म पालिसी में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है।
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