वाराणसी। जी-20 संस्कृति मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद शनिवार को बड़ालालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में सांस्कृतिक कार्यक्रम आर्केस्ट्रा सुर-वसुधा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। जी-20 के कलाकारों ने कलाकारों ने अपने प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने वसुधैव कुटुंबकम थीम पर आधारित गीत प्रस्तुत कर लोगो का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में महेश बाबू और उनकी टीम ने सुर वसुधा को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में भारत की प्राचीन परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना को साकार करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में सतत विकास को बढ़ावा देने हेतु ‘वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर’ की परिकल्पना पर भी कार्यक्रम आयोजित करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। इसमें जी-20 देशों के साथ ही आठ आमंत्रित देश (बांग्लादेश, मॉरिशस, नीदरलैंड, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, नाइजीरिया, यूएई) के कलाकारों ने सुर वसुधा कार्यक्रम में भाग लिया। इसके अलावा छह अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी हिस्सा ली। यह कार्यक्रम पहले सऊदी अरब, इटली, इंडोनेशिया में हो चुका है। पहली बार भारत की अध्यक्षता हुई।
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों के सकुशल सम्पन्न होने पर मुख्यमंत्री ने अतिथियों के सम्मान में आयोजित रात्रि भोज में भी भाग लिया। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, संस्कृति मंत्रालय के सचिव और जी-20 सीडब्ल्यूजी के अध्यक्ष गोविंद मोहन, प्रदेश सरकार में पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश दुर्गा शंकर मिश्रा के साथ जी-20 देशों के प्रतिनिधि और संस्कृति मंत्री भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम और रात्रिभोज के दौरान विदेशी मेहमानों से भी मुलाकात की।
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-मुख्यमंत्री ने ब्राजील को जी-20 के अगली बैठक की अध्यक्षता की क्विन बटन सौंपी
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जी-20 संस्कृति मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद ब्राजील को जी20 के अगली बैठक की अध्यक्षता की क्विन बटन सौंप दिया। जी20 देशों के संस्कृति मंत्रियों की चौथी एवं अंतिम बैठक में आठ आमंत्रित देश (बांग्लादेश, मॉरिशस, नीदरलैंड, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, नाइजीरिया, यूएई) के प्रतिनिधियों को मिलाकर 170 मेहमान शामिल हुए। खास बात यह रही कि भारत में जी-20 संस्कृति मंत्रियों की बैठक के परिणाम दस्तावेज़ को “काशी संस्कृति मार्ग” का नाम दिया गया है। सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से काशी संस्कृति मार्ग नामक परिणाम दस्तावेज़ को अपनाया है। जी-20 संस्कृति मंत्रियों ने आज की बहुआयामी विकास चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, बढ़ती असमानताओं और दूसरों के बीच डिजिटल परिवर्तन के प्रभाव को संबोधित करने के लिए संस्कृति की परिवर्तनकारी शक्ति का उपयोग करने पर सहमति जताई और अधिक समावेशी समाजों को आकार देने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो पूर्ण सम्मान पर आधारित हैं।