Dehradun: डेंगू रोग के नियंत्रण और रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जनपद स्तर पर डेंगू नियंत्रण को प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।
रेखीय विभागों के साथ मिलकर प्रदेश के डेंगू संभावित जनपदों में वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। डेंगू के नियंत्रण रोकथाम अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat) ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में डेंगू के नियंत्रण एवं रोकथाम को स्वास्थ्य विभाग को पहले ही अलर्ट मोड़ पर रहने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। इसके तहत सभी जनपदों में मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में 16 मई 2023 से 15 जून 2033 तक जन जागरूकता अभियान चलाए गये, जिसके तहत विभिन्न माध्यमों से आम जन को डेंगू रोकथाम के प्रति जागरूक किया गया।
विभागीय मंत्री ने बताया कि सूबे में बरसाती सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में डेंगू संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, लिहाजा सभी जनपदों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को डेंगू नियंत्रण को लेकर प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है। साथ ही डेंगू संभावित जनपदों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी एवं नैनीताल के मैदानी क्षेत्रों में जनजागरूकता एवं बचाव हेतु विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं।
इसके अलावा रेखीय विभागों शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज विभाग, परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग, जलापूर्ति विभाग, कृषि विभाग, पर्यटन विभाग, आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा व सूचना विभाग के साथ मिलकर प्रदेशभर में वृहद स्तर पर डेंगू नियंत्रण को जनजागरूकता अभियान संचालित करने व इसकी निंरतर मॉनिटिरिंग करने के निर्देश भी दिये गये हैं।
डा. रावत ने बताया कि शीघ्र ही रेखीय विभागों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक कर डेंगू रोकथाम के लिये और प्रभावी कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार है यदि किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखाई देते है तो प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में डेंगू की निःशुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही डेंगू रोगियों के समुचित उपचार के लिये प्रदेशभर की चिकित्सा इकाइयों में 1466 डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित किये गये हैं, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अलावा डेंगू के गंभीर रोगियों के लिये ब्लड बैंकों में प्लेटलेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
क्या है डेंगू के लक्षण?
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी डा. पंकज सिंह ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू का संचरण एवं प्रसार तेजी से होता है। संक्रमित मच्छर के काटने पर स्वस्थ व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट होते हैं जो 3 से 14 दिनों तक हो सकता है। डेंगू बुखार तीन प्रकार का होता है जिसमें डेंगू बुखार (साधारण), डेंगू हेमरेजिक व डेंगू शॉक सिन्ड्रोम है। डेंगू बुखार में संक्रमित व्यक्ति को ठंड के साथ तेज बुखार आता है।
इसके अलावा सरदर्द, बदन दर्द , मांशपेसियों और जोड़ों में दर्द होता है। साथ ही रोगी को भूख कम लगती है व शरीर पर लाल चकते उभर आते हैं। जबकि डेंगू हेमरेजिक बुखार में इन लक्षणों के साथ-साथ नाक, कान, मसूडे़, शौच या उल्टी में खून आता है और त्वचा पर गहरे नीले, काले रंग के चकत्ते उभर आते हैं। डेंगू शॉक सिंड्रोम में इन सभी लक्षणों के अलावा रोगी का रक्तचाप कम होने लगता है साथ ही रोगी अत्यधिक बेचैनी महसूस करता है।
डा. सिंह ने बताया डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर अपनी जांच अवश्य करायें। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार की रोकथाम ही इसका बेहतर उपचार है।