Jaipur। राजस्थान के 13 जिलों के लिए बहुप्रतिक्षित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर रविवार को नई दिल्ली में त्रिपक्षीय एमओयू हस्ताक्षर हुए। इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) सोमवार को जब नई दिल्ली से जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे तब वहां विभिन्न जिलों से आए लोगों ने धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए लोगों ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर उनकी वर्षाें पुरानी आस अब पूरी हुई है। इससे राज्य के 13 जिलों में 2.80 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई जल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे 25 लाख से अधिक किसान परिवार लाभान्वित होंगे। साथ ही, औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए भी पानी मिल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक के लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, भूजल के स्तर में भी वृद्धि होगी।
एमओयू के अनुसार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में सम्मिलित रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमतावर्धन एवं पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार किया जाएगा।