ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि आज भारत के पास टैलेंट, टेक्नालॉजी, प्रबंधन और नेतृत्व का संगम है, जो भारत को आने वाले समय में विश्व गुरू बनाएगा। जिस प्रकार 18वीं सदी में औद्योगिक क्रांति के दौरान वैश्विक अर्थ-व्यवस्था को गतिमान रखने के लिये डीजल और पेट्रोल की आवश्यकता थी, उसी प्रकार 21वीं सदी में गति के लिये डाटा ईंधन का काम कर रहा है। एनालेटिक्स, मशीन लर्निंग, बिग डाटा और क्वांटम कम्प्यूटिंग सभी आज के युग की बड़ी आवश्यकता हैं। विद्यार्थी इन सभी में महारत हासिल कर स्वयं, समाज और देश को आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Chouhan) गुरुवार को ग्वालियर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के मुख्य आतिथ्य में आयोजित अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान ग्वालियर (ट्रिपल आईटीएम) के चतुर्थ दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना स्व. माधव राव सिंधिया ने की थी, जब वे देश के मानव संसाधन विकास मंत्री थे। अटल बिहारी वाजपेयी का मध्यप्रदेश से अटूट नाता रहा है। वाजपेयी ओजस्वी, तेजस्वी और यशस्वी व्यक्तित्व थे। उनके जीवन का संदेश था कि हमको जीवन में कभी हार नहीं मानना है, हमेशा आगे बढ़ते रहना है। विद्यार्थियों को उनके संदेश का अनुकरण कर अपने जीवन को सफल बनाना है। आज आप सभी को सौभाग्य मिला है कि आप अपनी योग्यता से देश और समाज के लिये कार्य करें। आपको अर्निंग के साथ लर्निंग का भी पूरा ध्यान रख कर निरंतर प्रगति करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश है। यहां की ग्रोथ रेट निरंतर 18 प्रतिशत के आसपास रहती है। यहां की जीएसडीपी, जो वर्ष 2005-06 में 71 हजार करोड़ थी, आज 15 लाख करोड़ को पार कर गई है। प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। विद्यार्थी अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग कर प्रदेश को और अधिक गतिमान करें। सभी को मेरी शुभकामनाएं।
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विद्यार्थी छोटे लक्ष्य से संतुष्ट न होकर सदैव आगे बढ़ने का भाव रखें: सिंधिया
समारोह में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि अपने मन में सदैव यह भाव रखें कि हम केवल एक लक्ष्य की पूर्ति से संतुष्ट न होकर सदैव आगे बढ़ने का प्रयास करते रहेंगे। साथ ही जिस संस्थान से आप सबने शिक्षा ग्रहण की है उस संस्थान का मान-सम्मान रखकर देश का गौरव बढ़ाने में अपना योगदान देते रहें। उन्होंने कहा कि भारत तेजी के साथ आर्थिक तरक्की कर रहा है। कुछ साल पहले तक भारत 11वीं आर्थिक शक्ति हुआ करता था जो अब पांचवी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्ष 2030 तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। देश के भविष्य निर्माण में आप सबका सहयोग भी जरूरी है।
सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक न्याय के साधन के रूप में होः राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) ने कहा कि कल्याणकारी राज्य में वही प्रौद्योगिकी सफल है, जिसका उपयोग सामाजिक न्याय के एक साधन के रूप में हो सके। समग्र विकास के लिये आज की जरूरत है कि स्मार्ट उपकरण और प्रणालियाँ सामान्य लोगों की पहुंच में हो। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि नवाचारों के माध्यमों से नागरिकों के कल्याण और विकास के नए समाधान प्रस्तुत करने के लिये तत्परता से कार्य करें। सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ के रूप में देश व समाज को आपसे बहुत आशा है। इसलिए राष्ट्र का कल्याण आपका लक्ष्य होना चाहिए। आप सबने पढ़ाई के दौरान जो सामाजिक कौशल और तकनीक हासिल की है उसका उपयोग पिछड़े और वंचित लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिये करें। अपनी मेधा का उपयोग दिव्यांग लोगों, सीनियर सिटीजन तथा अन्य जरूरतमंद लोगों की सहायता में अवश्य करें।
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विषमता मिटाने के प्रयास जरूरीः डॉ. काकोड़कर
पोखरण परमाणु परीक्षण में अहम भूमिका निभाने वाले देश के सुविख्यात परमाणु विज्ञानी एवं परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर ने कहा कि भारत अच्छी प्रगति कर रहा है। हम सबको साझा प्रयास कर वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा में देश को आगे रखकर, देश के भीतर विषमता मिटाने के प्रयास जारी रखने होंगे।
शोभा यात्रा के साथ दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति
ट्रिपल आईटीएम के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री चौहान, केन्द्रीय मंत्री सिंधिया एवं संस्थान के संचालक मण्डल के अध्यक्ष व सदस्यगण एवं निदेशक शोभा यात्रा के साथ पहुंचे। संस्थान के ऑडिटोरियम में आयोजित हुए भव्य दीक्षांत समारोह का राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। समारोह का आगाज व समापन आर्मी बैंड द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ हुआ।
राष्ट्रपति ने मलिन बस्तियों के बच्चों से मुलाकात कर पुस्तकें भेंट की
राष्ट्रपति ने संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा संचालित स्टूडेंट ज्ञान मूमेंट योजना के तहत अध्ययनरत मलिन बस्तियों के 10 बच्चों से मुलाकात की। पांचवी से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई कर रहे इन बच्चों को उन्होंने पुस्तकें, बैग और चॉकलेट भेंट की। साथ ही उनसे बातचीत भी की।
उल्लेखनीय है संस्थान के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा आसपास की मलिन बस्तियों में निवासरत बच्चों की नियमित कक्षाएं संचालित की जाती हैं। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी इन कक्षाओं के संयोजन की भूमिका निभाते हैं। वर्ष 2016 से संस्थान द्वारा यह कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान कोमल बाथम नामक बालिका ने पेंसिल से बनाया गया उनका स्कैच भेंट किया। ब्रम्हाकुमारी की दो बहनों और दो भाईयों ने भी राष्ट्रपति महोदया से मुलाकात कर उन्हें पवित्र प्रतीक चिन्ह भेंट किए।