नई दिल्ली: 7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके बाद 9 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य एयरबेस को निशाना बनाकर हमले किए। सैटेलाइट तस्वीरों और रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह हमले पूरी तरह से लक्षित, संतुलित और गैर-आक्रामक थे। भारत ने इस कार्रवाई से न केवल अपने लक्ष्य हासिल किए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दिया।
हालांकि, जमीनी स्तर पर मिली इस बड़ी सैन्य सफलता के बावजूद, भारत प्रचार युद्ध में पाकिस्तान से पीछे रह गया। पाकिस्तान की ISPR (Inter-Services Public Relations) और सरकारी प्रचार मशीनरी ने झूठे दावों और वीडियो गेम फुटेज जैसे नकली कंटेंट का इस्तेमाल कर यह दिखाने की कोशिश की कि पाकिस्तान ने भारत को युद्ध में मात दी है।
भारत की प्रचार रणनीति की धीमी रफ्तार
भारत ने हमलों की पुष्टि तो की, लेकिन उसकी प्रचार रणनीति धीमी रही। विदेश मंत्रालय और PIB फैक्ट-चेक ने झूठे दावों का खंडन किया, लेकिन यह संदेश सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तेज़ी से नहीं फैल पाया। इसी का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने पांच भारतीय फाइटर जेट गिराने और श्रीनगर एयरबेस पर हमले जैसे झूठे दावों को फैलाया।
इसके साथ ही, एक फर्जी लेख जिसे The Daily Telegraph के नाम पर फैलाया गया था, में दावा किया गया कि पाकिस्तान की वायुसेना ने भारत पर बढ़त हासिल की है। इस लेख को बाद में iVerify Pakistan और Full Fact ने AI-जनरेटेड बताया, लेकिन तब तक यह दुष्प्रचार काफी फैल चुका था।
चीन और तुर्की की भूमिका
पाकिस्तान के झूठ को चीन और तुर्की के सरकारी मीडिया संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ावा दिया। Global Times, Xinhua और TRT World जैसे मीडिया आउटलेट्स ने पाकिस्तान की फर्जी खबरों को वैश्विक स्तर पर फैलाया। कुछ पश्चिमी मीडिया, जैसे न्यूयॉर्क टाइम्स और CNN, ने भी बिना जांच के पाकिस्तान के दावों को प्रमुखता दी।
विपक्ष के नेताओं की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियाँ
भारत में विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया। राहुल गांधी ने यह तक कह दिया कि भारत ने हमलों से पहले पाकिस्तान को जानकारी दी थी, जिससे भारतीय विमान मारे गए। विदेश मंत्रालय और PIB फैक्ट-चेक ने इस दावे को गलत साबित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी राहुल के बयानों से दूरी बना ली। इस तरह के बयान अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के दुष्प्रचार को मजबूती देते हैं।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सैन्य सफलता निर्विवाद है, लेकिन सूचना और प्रचार युद्ध में भारत पीछे रह गया। पाकिस्तान ने झूठ का सहारा लेकर अपनी हार को जीत में बदलने की कोशिश की और इसमें काफी हद तक सफल भी रहा। भारत को भविष्य में सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ प्रभावशाली डिजिटल प्रचार रणनीति भी अपनानी होगी, जिससे उसके नैरेटिव को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिल सके।