Rajgarh। यह लोकसभा का चुनाव राम के भक्तों, पक्षधरों और राम के विरोधियों के बीच है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा से भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण को लेकर राजनीति करने का कार्य किया है। कांग्रेस ने हिंदू-मुसलमानों को लड़ाकर वोट बैंक की राजनीति की है। कांग्रेस में भी सबसे बड़े रामद्रोही दिग्विजय सिंह हैं, जो हर जगह रंग बदलकर बात करते हैं। दिग्विजय सिंह 10 वर्षों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन वे राजगढ़ का विकास नहीं कर सके। राजगढ़ का विकास अगर किसी ने किया है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार ने किया है।
यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने राजगढ़ लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के नामांकन रैली में शामिल होकर मंगल भवन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा पर दुनिया भर में खुशी मनाई गई, लेकिन कांग्रेस पार्टी को खुशी नहीं हुई। जनसभा से पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजगढ़ लोकसभा से पार्टी प्रत्याशी रोडमल नागर का नामांकन दाखिल कराया।
कांग्रेस को सबक सिखाने हर वोट भाजपा के पक्ष में पड़ना चाहिए – डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल मे राजगढ़ क्षेत्र में पीने के पानी व सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बहुत कम थी, अब यहां पर अप्रैल के महीने में भी तालाब लबालब भरे हुए हैं। किसानों को पानी मिल रहा है। दिग्विजय सिंह हर जगह रंग बदलकर बात करते हैं। कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ करते हैं तो आ जाओ शाखा में स्वागत है। दिग्विजय सिंह को केवल वोट लेना है, यहां डुप्लीकेट रंग नहीं चलेंगे असली रंग में आना पड़ेगा। वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर भी दुखी हो जाते हैं। कांग्रेसियों ने हमेशा से हिन्दू-मुसलमान को लड़ाकर वोट बैंक की राजनीति की है। इनके मन में पाप भरा हुआ है, इसलिए इन्होंने श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा का आमंत्रण भी ठुकरा दिया। हम सब मिलकर संकल्प करें कि भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकराने वाली पार्टी कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए इस लोकसभा चुनाव में एक-एक वोट भाजपा के पक्ष में पड़े।
प्रधानमंत्री ने गरीब कल्याण का कार्य कर भारत का मान बढ़ाया: विष्णुदत्त शर्मा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने जनसभा में कहा कि यह सामान्य चुनाव नहीं है। यह चुनाव भारत को विकसित बनाने के साथ देश को विश्व गुरू बनाने के लिए हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने बीते 10 वर्षों में गरीब कल्याण के कार्यों से लेकर विश्व में भारत का मान-सम्मान बढ़ाया है। 500 वर्षों के संघर्ष और बलिदान के बाद 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भगवान श्री रामलला की प्राणप्रतिष्ठा हुई और भारत ही नहीं पूरी दुनिया में इतिहास बना। कांग्रेस और सोनिया गांधी, राहुल गांधी और राजगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का बहिष्कार कर भारतीय संस्कृति का अपमान और हिंदुत्व पर हमला करने काम किया है। आतंकवादियों से गले मिलने का काम दिग्विजय सिंह ने किया। राजगढ़ तो रामभक्तों की धरती है, राजगढ़ की धरती पर भगवान श्री राम का अपमान करने वाले नहीं चलेंगे। यह वही दिग्विजय सिंह हैं, जिन्होंने मध्यप्रदेश का बंटाढार किया था। 2003 के पहले प्रदेश को दुरावस्था के दौर में ले गये थे। भारत को विकसित बनाने और भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है। आप सभी देवतुल्य मतदाताओं से मेरी अपील है कि भाजपा के राजगढ़ प्रत्याशी रोडमल नागर को हर बूथ पर ऐतिहासिक मतों से चुनाव जिताकर नरेन्द्र मोदी का हाथ मजबूत करें।
दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ को बदनाम कर दिया: शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि कांग्रेस ने राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है। दिग्विजय सिंह ने दस साल मुख्यमंत्री रहते हुए न राजगढ़ के लिए कुछ किया न प्रदेश की जनता के लिए। उनके शासनकाल में प्रदेश की सड़कों की हालत खस्ता थी और बिजली भी नहीं मिलती थी। दिग्विजय सिंह को राजगढ़ की तस्वीर बदलना चाहिए थी, लेकिन उन्होंने राजगढ़ को बदनाम कर प्रदेश को भी बीमारू राज्य बना दिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज पूरे देश में विकास ही विकास हो रहा है। बड़ा काम करने के लिए बड़ा प्लेटफार्म का होना जरूरी होता है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमें देश सेवा और जनता की सेवा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी से बड़ा कोई प्लेटफार्म नहीं हो सकता। इसलिए आज कांग्रेस के विचारवान लोग कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा के परिवार से जुड़कर प्रधानमंत्री मोदी का परिवार बढ़ा रहे हैं। भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय देश सहित दुनिया में खुशी मनाई जा रही थी, लेकिन केवल एक पार्टी कांग्रेस रो रही थी। कांग्रेस ने लिखकर दिया भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आएंगे। अब जब तक सूरज और चांद रहेंगे तब तक यह कांग्रेस की तरफ से दिया गया यह प्रमाण रहेगा कि कांग्रेस ने राम मंदिर का विरोध किया था।