प्रभुनाथ को सजा मिलने सेरवय लाडले को खोने वाले परिजनों को मिला सुकून
Prabhunath got punishment, victim’s family got justice
-कहा, 28 वर्षों की लम्बी लड़ाई के बाद आखिरकार न्याय की हुई जीत
PATNA, 01 सितम्बर (।बिहार में सारण जिले के मशरक विधानसभा क्षेत्र में 1995 में बाहुबली प्रभुनाथ सिंह के पक्ष में मत नहीं करने पर दो लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें से एक 18 वर्षीय राजेन्द्र राज और 47 वर्षीय दरोगा राय थे। राजेन्द्र के परिजनों का कहना है कि 28 वर्षों की लम्बी लड़ाई में हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन सुप्रीम कोर्ट से आखिरकार न्याय मिल ही गया।
वर्ष 1995 में जिन दो लोगों की हत्या हुई थी उनमें से राजेंद्र राय महज 18 साल के थे। राजेंद्र राय के परिवार में अब उनके बड़े भाई हरेंद्र राय, भाभी गिरिजा देवी और बेटा शैलेंद्र है, जो उस समय महज पांच साल का था।भाभी गिरिजा देवी ने फोन पर बातचीत में कहा कि आज हमें काफी सुकून मिला है। आखिरकार इतनी लम्बी लड़ाई के बाद न्याय की जीत हुई है लेकिन उनकी बातों में आज भी दर्द है। वो कहती हैं कि उनका देवर राजेंद्र राय उस समय मात्र 18 साल का था और वह मतदान को लेकर काफी उत्साहित था लेकिन प्रभुनाथ सिंह की धमकी की वजह से हमने उसे और अपने ससुर को मना किया। फिर भी दोनों वोट डालने चले गए और राजद के उम्मीदवार अशोक सिंह को वोट दिया।
गिरिजा देवी ने बताया कि इस बात से गुस्साए प्रभुनाथ सिंह ने खुद गोली मारकर दोनों की हत्या की थी। मेरे देवर राजेंद्र राय की इलाज के दौरान मौत हुई जबकि दरोगा राय की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। गिरिजा देवी के बेटे शैलेंद्र ने बताया कि चाचा जब वोट डालकर लौट रहे थे तब प्रभुनाथ सिंह ने पूछा कि किसे वोट दिया? उस वक्त यहां हवा राजद पार्टी की थी तो चाचा ने दूसरे उम्मीदवार (अशोक सिंह) का नाम ले लिया। इसी बात पर गोली मार दी गई थी।