लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन क्षेत्र व जंगलों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यालय स्थित अग्नि नियंत्रण सेल मुस्तैद है। उत्तर प्रदेश में वन क्षेत्र व जंगलों में आग लगने की घटनाएं न्यूनतम हुई हैं। वन क्षेत्र व आसपास के क्षेत्रों में 2020-2021 में आग लगने के 10275 मामले आए थे। विभाग की मुस्तैदी से 2024-25 (14 अप्रैल) में घटकर यह संख्या 2597 हुई है। विभाग की तरफ से निरंतर इस पर नजर रखी जा रही है।
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एफएसआई ने की उत्तर प्रदेश की सराहना फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) ने पिछले दिनों राज्यों के साथ बैठक की थी, जिसमें वन अग्नि की घटनाओं को रोकने में योगी सरकार के प्रयासों की सराहना की थी। एफएसआई ने माना था कि उत्तर प्रदेश ने जंगल में लगी आग को पता करने और उसे जल्द से जल्द (24 घंटे) बुझाने में सबसे बेहतर कार्य किया है।
8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में कार्य कर रहा सेल लखनऊ मुख्यालय स्थित अग्नि नियंत्रण सेल के नोडल अफसर पीपी सिंह ने बताया कि सेल 24 घंटे मुस्तैद है। प्रदेश में कहीं भी वन में आग से जुड़ी घटनाओं की सूचना आमजन लखनऊ में हेल्पलाइन नंबर 0522-2977310 पर दे रहे हैं। श्री सिंह के मुताबिक वनों में आग की सूचना उनके मोबाइल नंबर 9452162054 पर भी दी जा सकती है। इसके अलावा सभी जनपदों में स्थानीय हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया गया है।
यूपी ने रिस्पांस टाइम तेज कर घटनाओं में की भारी कमी
आग लगने की सूचना मिलने के उपरांत यूपी के तंत्र ने घटनास्थल तक पहुंचने के रिस्पांस टाइम को कम किया। इससे घटनाओं को रोकने में काफी हद तक यूपी ने सफलता प्राप्त की। 2022 में 24 घंटे में यूपी में जहां 55.78 फीसदी घटनाओं को रोकने में सफलता मिलती थी, वहीं 2023 में 74.99 फीसदी घटनाओं पर अंकुश पाया गया। तेजी से कार्य करते हुए रिस्पांस टाइम और तेज होने की बदौलत योगी सरकार की मॉनिटरिंग से 2024 में 80.08 फीसदी घटनाओं में कमी दर्ज हुई।
इससे मिल रही मददप्रदेश में स्थापित अग्नि नियंत्रण सेल-115
मुख्य अग्नि नियंत्रण सेल- लखनऊ स्थित वन मुख्यालयएफएसआई द्वारा वन अग्नि अलर्ट सूचना पाने वाले पंजीकृत अधिकारी/कर्मचारी- 3171जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित अग्नि रक्षक के रूप में स्थानीय ग्रामीणों की तैनाती कर लिया जा रहा सहयोग
योगी सरकार की मॉनिटरिंग से घटनाओं में आई कमी योगी सरकार की मॉनिटरिंग का असर है कि ऐसी घटनाओं में भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक… 2020 से 2021- 10275 मामले 2021 से 2022–6030 मामले2022 से 2023- 3339 मामले2023 से 2024– 4895 मामले2024 से 14-04-2025—2597 मामले