लखनऊ। योगी सरकार के मार्गदर्शन में नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) के प्रमाणन से प्रदेश के लोगों का सरकारी अस्पतालों पर भरोसा बढ़ा है। योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर से लेकर जिला अस्पताल तक ओपीडी में बढ़ी मरीजों की संख्या, आपरेशन व जांच की बढ़ती तादाद दावे की पुष्टि कर रहे हैं। मालूम हो कि योगी सरकार की दूरदर्शी सोच से प्रदेश में अब तक 1,059 स्वास्थ्य इकाइयां एनक्वास प्रमाणित हो चुकी हैं।
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एनक्वास मिलने के बाद सरोजनीगर सीएचसी के ओपीडी में आ रहे 300 मरीजसरोजनीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की ही मिसाल ले लीजिए। वर्ष 2022 में यहां ओपीडी में 100 से भी कम मरीज आते थे, लेकिन एनक्वास मिलने के बाद 250 से 300 मरीज रोजाना सीएचसी की ओपीडी में आ रहे हैं। यहां फिजिशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, डेंटल सर्जन व बेहोशी के डाॅक्टर मौजूद रहते हैं। सीएचसी में साफ-सफाई व मिलने वाली सुविधाओं के कारण आसपास के लोग यहां आते हैं।
ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर स्वराज मोहन के मुताबिक सीएचसी की दीवार से सटा सरोजनीनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) होने के कारण भी लोगों का यहां भरोसा बढ़ा है। यहां पर दरोगाखेड़ा, बंथरा, मोहनलालगंज, उतरेटिया से मरीज आते हैं।
सीएचसी प्रभारी डॉ. चंदन यादव के मुताबिक पीएचसी में भी फिजिशियन, डेंटल सर्जन, आयुष चिकित्सक बैठते हैं। दोनों अस्पताल एकदम पास होने व डाॅक्टरों की उपलब्धता के कारण आसपास के लोगों का यहां भरोसा ज्यादा दिखता है। एनक्वास मिलने के बाद अस्पताल की ब्रांड इमेज, ओपीडी, भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या, प्रसव बढ़े हैं। दोनों अस्पताल मिलाकर रोजाना 400 से 500 मरीजों का इलाज करते हैं।
मरीजों को दी जा रही ऑनलाइन रिपोर्ट पर डॉ. चंदन ने बताया कि अस्पताल में कंगारू मदर केयर (केएमसी), न्यू बार्न सिक यूनिट (एनबीएसयू) मौजूद है। मरीजों को आनलाइन लैब रिपोर्ट मिल रही है। इसके अलावा टेलीमेडिसिन सुविधा व मरीजों को 200 दवाएं निःशुल्क मिलती हैं।
बक्शी का तालाब के बाद सरोजनीनगर सीएचसी को एनक्वास मिला। इससे पहले लक्ष्य व कायाकल्प का तमगा भी सीएचसी को मिल चुका था। अस्पताल में प्रति माह औसतन 140 से 150 प्रसव, 400 एक्सरे व ई बाउचर के माध्यम से 100 मरीजों का अल्ट्रासाउंड होता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि प्रदेश में 1,059 स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाण पत्र हासिल हो चुका है। योगी सरकार के इस साल के अंत तक 50 प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों को एनक्वास प्रमाणित कराने के लक्ष्य के मद्देनजर सभी जनपदों में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।